भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने वाले टीएमसी के पूर्व नेता राजीव बनर्जी ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को नसीहत दी है कि वो सीएम ममता बनर्जी पर सीधा हमला न करें। ये जनता का अपमान होगा। इसके बजाए वो सुनिश्चत करें कि महंगाई से लोग परेशान न हों।

शुभेंदु और राजीव दोनों ही टीएमसी में थे। दोनों ही ममता की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। मुकुल रॉय के बाद अटकलें हैं कि पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी भी टीएमसी में वापसी कर सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष से उनकी बीते माह मुलाकात भी हुई थी। बनर्जी उनके आवास पर गए, जहां दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई। घोष ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि यह शिष्टाचार के नाते मुलाकात थी।

इससे पहले राजीव बनर्जी ने सोशल मीडिया पोस्ट में बीजेपी नेताओं को चेतावनी दी थी कि लोग भारी जनादेश से चुनी गई सरकार के खिलाफ राष्ट्रपति शासन की धमकी को पसंद नहीं करेंगे। राजीव ने जनवरी में तृणमूल कांग्रेस छोड़ी थी। बनर्जी ने कहा था कि वह ऐसा करने के लिए बाध्य हुए क्योंकि तृणमूल नेताओं के एक वर्ग ने उन्हें अपमानित किया। राजीव बनर्जी 2011 और 2016 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे थे।

गौरतलब है कि बीजेपी में अब पावर और क्रेडिट की लड़ाई शुरू हो गई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के प्रति नाराजगी जताते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और सौमित्र ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।

कैबिनेट के फेरबदल के बीच सौमित्र खान ने फेसबुक लाइव में बंगाल विधानसभा में भाजपा के नेता शुभेंदु को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने प्रदेश के सांसदों के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को गलत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी का एक नेता बार-बार दिल्ली जाता है और सभी सफलताओं का श्रेय खुद ले लेता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सौमित्र से बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी शिकायतों पर गौर किया जायेगा। इसके बाद सौमित्र ने इस्तीफा वापस ले लिया।