सत्तारूढ़ बीजेपी की संपत्तियां एक साल में 22 फीसदी बढ़ीं, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की एसेट्स में 15 प्रतिशत की गिरावट आई। ये जानकारी गैर-सरकारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रीफॉर्म्स (एडीआर) ने दी है। दरअसल, हाल ही में इस संस्था ने सात राष्ट्रीय पार्टियों (बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, बीएसपी, सपीआई, सीपीएम और एआईटीसी) द्वारा घोषित की गई अपनी-अपनी संपत्तियों, देनदारियों और पूंजी के ब्यौरे की छानबीन की।
एडीआर ने इसमें पाया कि इन सातों राजनीतिक दलों ने कई मोर्चों पर कुछ दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। एडीआर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2016-17 में इन सभी पार्टियों की औसत कुल संपत्तियां 465.83 करोड़ रुपए की थीं, जो कि 2017-18 में बढ़कर 493.81 करोड़ रुपए हो गईं।
2016-17 में बीजेपी की कुल संपत्ति 1213.13 करोड़ था, जो कि 2017-18 में 1483.35 करोड़ रुपए (270.22 करोड़ रुपए की संपत्ति बढ़ी) हो गया। यानी बीजेपी की इनकम और संपत्तियों में 22.27 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वहीं, कांग्रेस और शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ऐसे दो राजनीतिक दल रहे, जिनकी घोषित सालाना संपत्तियों में गिरावट दिखी।
2016-17 और 2017-18 के बीच कांग्रेस की कुल संपत्तियां में 15.26 फीसदी गिरावट (854.75 करोड़ से 724.35 करोड़ रुपए) दर्ज की गई, जबकि एनसीपी के लिए यह आंकड़ा 11.41 करोड़ से घटकर 9.54 करोड़ रुपए हो गया। वहीं, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की कुल संपत्ति 2016-17 में 26.25 करोड़ थी, जो कि बढ़कर 29.10 करोड़ रुपए हो गई। यानी इसमें 10.86 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
एडीआर ने अपने बयान में कहा है कि ये राष्ट्रीय राजनीतिक दल इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के दिशा-निर्देशों पर खरा उतरने में नाकाम रहीं, जिसने इन्हें उन वित्तीय संस्थानों, बैंकों और एजेंसियों के नाम बताने के लिए कहा था, जहां-जहां से इन दलों ने लोन लिया था। चार्ट में देखकर समझें कि कौन से दल पर कितना है कर्जः