Karnataka Election: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार हुई है। कांग्रेस ने 135 सीटों के साथ बड़ी जीत हासिल की है। इसी को लेकर सामना के संपादकीय में एक लेख के जरिए भाजपा पर करारा वार किया गया है। सामना के संपादकीय में लिखा गया है, ‘बीजेपी का नकली हिंदुत्व कर्नाटक में काम नहीं आया और असली ‘ऑपरेशन लोटस’ अब वहां हुआ है। शिवसेना (यूबीटी) ने भगवा पार्टी के दक्षिण राज्य में हार के बाद सोमवार यह लेख लिखा है।
शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय के माध्यम से कहा कि कर्नाटक में लोगों ने चुनावों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को करारी शिकस्त दी है। यह देश के लिए एक शुभ संकेत है। जिसके लिए कर्नाटक की जनता को बधाई दी जानी चाहिए।
‘कन्नड़ के लोगों ने देश को एक दिशा दी’
सामना के संपादकीय में आगे कहा गया है कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार किया और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी 65 सीटों पर ही लटक गई। इसके साथ ही बीजेपी के हाथ से उसका दक्षिण का एकमात्र किला कर्नाटक भी उसके हाथ से चला गया है। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि कन्नड़ के लोगों ने यह दिशा दिखा दी है कि वर्ष 2024 में देश में क्या होगा।
‘बोम्मई सरकार भ्रष्टाचार में व्यस्त रही’
शिवसेना ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा की हार निश्चित थी और पार्टी में मतभेदों के बावजूद एकजुट रहने के लिए राज्य में कांग्रेस नेतृत्व की प्रशंसा की। शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस कर्नाटक में एकजुट थी। हालांकि नेताओं के बीच मतभेद थे, लेकिन चुनाव के दौरान उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया। शिवकुमार, सिद्धारमैया समेत जो मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते थे। उन सभी लोगों ने इस मुद्दे को आलाकमान पर छोड़ दिया और खुद को चुनाव अभियान में झोंक दिया।
लेख में आगे कहा गया कि इसके अलावा बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भ्रष्टाचार, लूटपाट, महंगाई और बेरोजगारी के लिए बदनाम थी। जबकि यह मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण थे, लेकिन इन सब मुद्दों को छोड़ दिल्ली के भाजपा और उसके नेता लोगों को गुमराह कर रहे थे। वो हिंदू-मुसलमानों के बीच दरार पैदा कर रहे थे।
‘भाजपा का नकली हिंदुत्व कर्नाटक में काम नहीं आया’
संपादकीय में आगे कहा गया कि मोदी और शाह का चुनाव अभियान के दौरान भाषण राजनीतिक नौटंकी के अलावा और कुछ नहीं था। उन्होंने पहले ‘हिजाब’ का मुद्दा शुरू किया, लेकिन असफल रहे। जैसे ही कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात की। इसके बाद मोदी और अन्य लोगों ने चुनाव प्रचार के दौरान बजरंग बली को बजरंग बली का अपमान बताते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया। मोदी ने प्रचार अभियान में बजरंग बली को लॉन्च किया, लेकिन इन सबका कर्नाटक में कोई असर नहीं हुआ। इसके विपरीत बजरंग बली ने अपना गदा मोदी-शाह के सिर पर फेंका और राहुल गांधी के कंधे पर रख दिया। यह स्पष्ट है कि भाजपा का नकली हिंदुत्व कर्नाटक में काम नहीं आया।
शिवसेना ने पीएम मोदी पर भी कटाक्ष किया। लेख में कहा गया कि कर्नाटक के लोगों ने मोदी के रोने पर ध्यान नहीं दिया। कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कई बार इस बात का जिक्र किया कि कांग्रेस ने अब तक उनको 91 बार गालियां दी हैं।
‘कांग्रेस ने महंगाई का मुद्दा उठाया जबकि बीजेपी ने हिजाब और बजरंगबली’
प्रियंका गांधी ने मोदी के इस बयान पर पीएम मोदी पर तंज कसा। चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लोगों के सवालों के बारे में बात नहीं कर करते, बल्कि यह बताने में व्यस्त हैं कि कांग्रेस के लोगों ने उनको क्या कहा। लेख में कहा गया कि कांग्रेस ने महंगाई और गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि पर भी भाजपा की नीति की आलोचना की। कर्नाटक में कांग्रेस के लिए बजरंग बली और हिजाब से ज्यादा महत्वपूर्ण महंगाई का मुद्दा का रहा।
‘बीजेपी जीतती तो मोदी श्रेय लेते और हार की जिम्मेदारी नड्डा’
शिवसेना ने दावा किया कि बीजेपी के ऑपरेशन लोटस को कर्नाटक के लोगों ने कुचल दिया। अब ऑपरेशन लोटस, धमकी देकर, ईडी, सीबीआई को विपक्ष के पीछे लगाकर चुनाव जीतने के दिन गए। कर्नाटक के फैसले ने साफ कर दिया कि आम आदमी तानाशाही को हरा सकता है। संपादकीय में कहा गया है कि अगर कर्नाटक में भाजपा जीती होती तो पीएम मोदी श्रेय लेते, लेकिन अब बीजेपी हार गई है। इसलिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को हार की जिम्मेदारी लेनी होगी।
यूपी की राजनीति को लेकर भी सामना के संपादकीय में जिक्र किया गया। लेख में कहा कि उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अधिकांश राज्यों से भाजपा का सफाया हो गया है। लोकसभा में भी होगा। यदि उत्तर प्रदेश में भाजपा जीतती है, (संभावना कम है), तो इसका श्रेय योगी महाराज को जाएगा और उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद विपक्ष की बेंच पर बैठेंगे। जबकि उनके पास (मोदी-शाह) ज्यादा से ज्यादा गुजरात होगा।” शिवसेना ने कहा कि उत्तर प्रदेश और गुजरात से भारत बड़ा है और उस भारत के आम लोग तानाशाही की हार पर खुश हैं। कर्नाटक की जनता समझदार है। असली ऑपरेशन लोटस अब कर्नाटक में हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसा ही होगा।”