Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली में 5 फरवरी को एक ही फेज में वोटिंग होने वाली हैं। राष्ट्रीय राजधानी में मुकाबला त्रिकोणीय होगा। ऐसे में तीनों बड़े राजनीतिक दलों सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, मुख्य विपक्षी दल बीजेपी और कांग्रेस दलित और वंचित लोगों के लिए कई रियायतों का ऐलान कर रहे हैं। हालांकि, एक वर्ग ऐसा भी है जिसकी इच्छाएं उम्मीदवारों के प्रचार अभियान में नजर नहीं आ रही हैं। वह मिडिल क्लास है। दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है।
राजधानी के चुनावी विमर्श में मिडिल क्लास की लगभग अनुपस्थिति अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से अलग है, जो 2011 में शहर में चला था, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप का उदय हुआ। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन को मिडिल क्लास से भी समर्थन मिला। वह बहुत बड़ी संख्या में जंतर-मंतर पर इसमें शामिल हुआ।
2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल करने और मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाने के बाद आप ने स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली समेत अलग-अलग क्षेत्रों में कल्याणकारी योजनाओं की झड़ी लगा दी। पिछले दो कार्यकालों में आप का प्रचार मुख्य तौर पर शहरी गरीबों पर केंद्रित रहा है। हाल ही में जारी किए गए कैपेंन सॉन्ग फिर लाएंगे केजरीवाल मिडिल क्लास तक पहुंचने की एक कोशिश है। यह सॉन्ग आम तौर पर आप सरकार द्वारा दी जा रही सौगातों को दिखाता है।
दिल्ली चुनाव से पहले बढ़ेगी केजरीवाल की टेंशन?
केजरीवाल की राह पर बीजेपी और कांग्रेस
केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी को दी गई छूटों के आधार पर अपनी ब्रांडिंग की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भी उसकी राह पर चलना शुरू कर दिया है। दिल्ली चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मौजूदा योजनाएं जारी रहेंगी और उन्हें बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि आपदा के लोग घबरा गए हैं और झूठ फैला रहे हैं, क्योंकि उन्हें दिल्ली चुनाव में अपनी हार का अहसास हो रहा है। वे लोगों को यह कहकर डरा रहे हैं कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो कल्याणकारी योजनाएं बंद हो जाएंगी। लेकिन मैं दिल्ली के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी, लेकिन बेईमान लोगों को हटाया जाएगा।
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आप दिल्ली में लोगों को दे रही छूट
आम आदमी पार्टी सरकार कई सालों से दिल्ली के लोगों को 200 यूनिट तक बिजली बिल में छूट दे रही है। शहर के 40 लाख डोमेस्टिक कंज्यूमर में से लगभग 22 लाख का बिजली बिल जीरो आता है। दिल्ली सरकार ने हर घर को हर महीने 20,000 लीटर तक फ्री पानी देने की भी पेशकश की है। दिल्ली सरकार राजधानी में डीटीसी के साथ-साथ कलस्टर बसों में महिलाओं के लिए फ्री बस की सुविधा दे रही है। इसके लिए महिलाओं को पिंक पास जारी किए जाते हैं। 2023-24 में पिंक पास की हिस्सेदारी कुल बस टिकटों में से 46 फीसदी थी। दिल्ली सरकार इन पासों के लिए परिवहन कंपनियों को मुआवजा देती है। इनकी कीमत आम तौर पर 10 रुपये होती है। कुल मिलाकर, दिसंबर 2024 में ही पिंक पास पर 100 करोड़ से ज्यादा टिकट जारी किए गए।
दिल्ली में आने वाले चुनावों के लिए आप ने महिलाओं के लिए 2500 रुपये हर महीने देने का भी वादा किया है। इतना ही नहीं 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी व्यक्तियों के लिए मुफ्त इलाज, मंदिरों में पंडितों और गुरुद्वारों में ग्रंथियों के लिए 1,800 रुपये प्रति माह वजीफा और दलित छात्रों के लिए स्कॉलरशिप का ऐलान किया है।
कांग्रेस वोटर्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी एक दशक से भी ज्यादा वक्त से राजनीतिक वनवास काट रही है। वह भी वोटर्स को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इनमें महिलाओं के लिए 2500 रुपये देने के वादे से लेकर हर एक व्यक्ति के लिए 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा शामिल है। दिल्ली इकोनॉमिक सर्वे 2023-24 के अनुसार, फाइनेंसियल ईयर 2024 में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 4.61 लाख रुपये होगी, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.84 लाख रुपये है। हालांकि दिल्ली के मिडिल क्लास की संख्या के बारे में कोई सटीक डेटा नहीं है। नए अध्यक्ष के चयन से पहले फिर मिल रहे वही संकेत पढ़ें रिपोर्ट…