हिंडनबर्ग रिसर्च की सेबी (SEBI) पर रिपोर्ट आई। इसके बाद मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को मोदी सरकार और अडानी ग्रुप से जोड़ा तो बीजेपी भड़क गई। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने इसे भारत के खिलाफ एक बड़ी साजिश करार दिया। रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूछा कि हिंडनबर्ग में किसका निवेश है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत के बाद अब कांग्रेस देश से ही नफरत करने लगी है।
जॉर्ज सोरोस को जानते हैं?- रवि शंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “क्या आप इन सज्जन जॉर्ज सोरोस को जानते हैं जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। ये हैं वहां (हिंडनबर्ग) के मुख्य निवेशक। वह मोदी सरकार को बदलना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी पैथोलॉजिकल नफरत में कांग्रेस पार्टी ने आज भारत के खिलाफ ही नफरत पैदा कर ली है। अगर भारत का शेयर बाजार गिरेग, तो क्या छोटे निवेशक परेशान होंगे या नहीं?”
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति में एक है टूलकिट पॉलिटिक्स, दूसरी है चिट पॉलिटिक्स। उन्होंने कहा, “परीक्षा में चिट मिलने पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को मिलने वाली चिटों का क्या किया जाना चाहिए? वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं, छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो।”
कांग्रेस और टूलकिट गैंग को हम सफल नहीं होने देंगे- प्रसाद
रविशंकर प्रसाद ने पूर्व की यूपीए सरकार का जिक्र करते हुए कहा, “मनमोहन सिंह के 10 साल के शासन के दौरान खूब स्कैम हुए। 2G स्कैम, अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम, कोयला स्कैम, कॉमनवेल्थ स्कैम… उस समय ऐसी रिपोर्ट्स क्यों नहीं आती थी? ये दिखाता है कि कांग्रेस और टूलकिट गैंग की मंशा क्या है। जिसे हम सफल नहीं होने देंगे।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के तहत एक जांच के बाद सेबी ने जुलाई में हिंडनबर्ग को नोटिस दिया था। हालांकि अपने बचाव में प्रतिक्रिया देने के बजाय हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट जारी की है, जिसमें किसी विश्वसनीय आधार का अभाव है।