ममता बनर्जी द्वारा यूपीए को खारिज किए जाने और राहुल गांधी पर निशाना साधने के बाद कांग्रेस बनाम टीएमसी की लड़ाई चर्चा का विषय बन गई है। टीवी डिबेट में जहां कांग्रेस और टीएमसी नेतओं के बीच इस पर जोरदार बहस देखने को मिल रही है, वहीं बीजेपी और जेडीयू इस पर चुटकी लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। समाचार चैनल आजतक के शो ‘हल्ला बोल’ में एंकर अंजना ओम कश्यप के एक सवाल पर जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि याचक का नेतृत्व कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिल्ली को बर्तन में दूध सजा कर देंगे तो बिल्ली दूध पीयेगी ही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ये काम दिल्ली में केजरीवाल के लिए किया है और पश्चिम बंगाल में ममता के लिए किया है तो अब छाती पीटने का क्या फायदा है।

अजय आलोक ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि गलती आपकी है और आप अब पुराने जमीदार की तरह बर्ताव कर रहे जिसका सारा खेत चले जाने के बाद भी वह कहता है कि ये मेरा है और वो मेरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पता नहीं क्यों इसके लिए बीजेपी और जेडीयू पर अपनी नाराजगी निकाल रही है जबकि एनडीए इस पूरी लड़ाई में कहीं है ही नहीं, यह मामला तो कांग्रेस बनाम टीएमसी का है।

उन्होंने कहा कि कल तक जो साथ थे आज वो एक दूसरे को नेता मानने को तैयार नहीं, कोई पुराना जमींदार कह दे रहा है तो कोई विदेश में भेज दे रहा है। इसी बीच एंकर ने रोकते हुए कहा कि अब तो बीजेपी इस लड़ाई में है ही नहीं इसलिए बीजेपी और जेडीयू नेताओं को हटाकर स्क्रीन पर TMC के नेताओं को लाया जाए। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता से सवाल करते हुए अंजना ओम कश्यप ने पूछा कि आपने तो खेला कर दिया। इसके जवाब में TMC प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि खेला तो हमने विधानसभा चुनाव के बाद से ही शुरू कर दिया था।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जो खेला होगा उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। संजय शर्मा के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व में बीजेपी के खिलाफ मजबूत दावेदारी नजर नहीं आ रही थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व में जो सिंडिकेट सत्ता पर काबिज है उसे लुंज पुंज और ढीले ढाले रवैये से नहीं हटाया जा सकता है। इसके लिए दीदी जैसी नेतृत्व की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज स्थिति ये है कि नए लोग ममता बनर्जी की तरफ देखने लगे हैं।

संजय शर्मा ने बताया कि ममता बनर्जी का मानना है कि अगर कांग्रेस मजबूती से केंद्र को जवाब नहीं देगी और जनता को जागरुक नहीं करेगी तो हम कब तक बैठकर इंतजार करते रहेंगे, उन्होंने कहा कि टीएमसी प्रमुख का साफ मानना है कि 2024 के चुनावों में हम मूक दर्शक बनकर तमाशा नहीं देख सकते हैं। ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवारी बनाए जाने के सवाल पर संजय शर्मा ने बचते बचाते हुए सावधानी से कहा कि हमारा काम फिलहाल केंद्र में मोदी सरकार के तानाशाही रवैये पर लगाम लगाना है और देश के सामने एक विकल्प प्रस्तुत करना है।

वहीं बहस के दौरान कांग्रेस ने ममता बनर्जी के केंद्र के प्रति नरम रवैये पर सवाल दागते हुए पूछा कि इस पर भी चर्चा होनी चाहिए कि संघ ने कितने मुकदमे ममता बनर्जी के खिलाफ किए और कितने केस राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराए हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसा क्या हुआ ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद एकाएक तय कर दिया कि वह गोवा में चुनाव लड़ेगी। पवन खेड़ा ने कहा कि हम दादा से भी लड़ रहे हैं अब दीदी से भी लड़ेंगे और जीतेंगे भी।