केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रविवार (10 जुलाई 2022) को अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। राजनाथ सिंह 13 साल की उम्र में RSS से जुड़ गए थे। इमरजेंसी के दौरान मिर्जापुर की जेल में जिस नेता ने उनका भविष्य बताया था, राजनाथ उसे ही कुर्सी से हटाकर CM बने थे।
10 जुलाई 1951 को वाराणसी के भाभोरा गांव के एक साधारण किसान के घर में पैदा हुए राजनाथ सिंह की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव के ही स्कूल से हुई। बाद में उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर की डिग्री हासिल की। साल 1971 में वह मिर्जापुर के केबी डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर नियुक्त हुए।
13 साल की उम्र में RSS से जुड़े: राजनाथ सिंह सिर्फ 13 साल की उम्र में ही संघ से जुड़ गए थे। 1969-71 के बीच वह गोरखपुर में ABVP के संगठनात्मक सचिव बनाए गए। राजनाथ सिंह को 1974 में मिर्जापुर इकाई का RSS सचिव बनाया गया। एक साल बाद ही वह मिर्जापुर में जनसंघ के जिलाध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए। 21 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया था। उनके बेटे संजय गांधी के इशारे पर विरोधियों की गिरफ्तारी की गई, जिसमें राजनाथ सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
जेल में राम प्रकाश गुप्त ने बताया था भविष्य: जेल में ही राजनाथ सिंह की मुलाक़ात राम प्रकाश गुप्त से हुई। जेल के अंदर एक दिन राम प्रकाश गुप्त ने 25 साल के राजनाथ को अपने पास बुलाकर कहा, “दाहिना हाथ आगे बढ़ाओ।” राम प्रकाश ने हाथों की लकीरों को ध्यान से देखा और कहा, “एक दिन तुम यूपी के बहुत बड़े नेता बनोगे।” बाकी साथियों ने पूछा, “कितना बड़ा नेता?” जिस पर राम प्रकाश गुप्त ने जवाब दिया, “यूपी के सीएम से भी बड़ा।”
राम प्रकाश गुप्त के स्थान पर सीएम बने: इस भविष्यवाणी के 24 साल बाद 28 अक्टूबर 2000 को राम प्रकाश गुप्त की भविष्यवाणी सच हो गई। राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और अजीब यह रही कि वह राम प्रकाश गुप्त के स्थान पर सीएम बने। साल 1999 में लोकसभा चुनाव के पहले कल्याण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के बीच ठन गई। जिसके बाद लखनऊ लोकसभा सीट से जीतने पर अटल बिहारी वाजपेयी को पीएम बनाया गया।
दूसरी तरफ कल्याण सिंह के स्थान पर राम प्रकाश गुप्त को सीएम बनाया गया। उस समय तक 76 साल के राम प्रकाश गुप्त रिटायरमेंट की तरफ आगे बढ़ चुके थे और संगठन से बहुत मतलब नहीं रखते थे। वह 11 महीने तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उन्हें हटा दिया गया और राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया।