अनुब्रत मंडल न तो चुनाव लड़ रहे हैं और न वे सांसद या विधायक हैं। बावजूद इसके उन पर विपक्ष का आरोप है कि वे बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस अध्‍यक्ष के रूप में पूरे जिले पर नियंत्रण रखते हैं। ममता बनर्जी ने मंडल को बीरभूम की 11 विधानसभाओं के साथ मंगलकोट, ओसग्राम और केतुग्राम की भी जिम्‍मेदारी दी है। ममता का विश्‍वास किस तरह से जीता, इस सवाल पर उन्‍होंने कहा कि वे उनके निर्देशों का कर्मठता से पालन करते हैं। हाल ही में वोटरों को धमकाने के आरोप पर चुनाव आयोग की फटकार के बाद मंडल सुर्खियों में आए। हालांकि मंडल ने इस आरोप सेे इनकार किया। चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष के आरोपों के बाद वह मंडल के खिलाफ त्‍वरित कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है। विपक्षी नेताओं ने तो मंडल की गिरफ्तारी की मांग की है।

अनुब्रत मंडल तक पहुंच पाना भी किसी वीवीआईपी तक पहुंचने जैसा ही है। बुधवार को इंडियन एक्‍सप्रेस जब उनसे मिलने गई तो पहले तो उन्‍हें पुलिसवालों की पूछताछ का सामना करना पड़ा। इसके बाद मंडल के लोगों ने सवाल किए। इसके बाद कहीं जाकर उन्‍हें अंदर जाने दिया गया। मंडल ने बताया,’मैंने कभी हिंसा में विश्‍वास नहीं किया। मैंने कभी किसी पर हाथ नहीं उठाया और उम्‍मीद है आगे भी ऐसा ही होगा।’ मंडल ने मंगलवार को भाजपा की एक महिला नेता के खिलाफ कुछ अपशब्‍दों का इस्‍तेमाल किया था।

मंडल ने विपक्ष की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। पंचायत चुनावों के दौरान कथित तौर पर उन्‍होंने अपने समर्थकों से कहा था कि अगर पुलिस निर्दलीय उम्‍मीदवारों की मदद करें तो उन पर बम फेंको। इस पर उन्‍हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस के जवाब में मंडल ने कहा कि उनकी जीभ फिसल गई थी। उनके कहने का मतलब था कि निर्दलीय उम्‍मीदवार पुलिस वाहनों पर बम फेंकने की तैयारी में हैं। इस समय मंडल पर आरोप है कि उनके समर्थक घर-घर जाकर कह रहे हैं कि मतदान केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जिससे कि तृणमूल को वोट न देने वाले का पता लगाया जा सके। मंडल ने इस आरोप से भी इनकार किया। उन्‍होंने कहा,’यह कहानियां मीडिया और विपक्ष ने बनाई हैं। हम लोगों को मता बनर्जी के कामकाज की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही लोगों से वोट देने को कह रहे हैं।’

मंडल साथ ही मतदाताओं से कह रहे हैं कि पार्टी उन्‍हें गुड़ और बताशे देगी। विपक्ष का कहना है कि मंडल इस बयान के जरिए लोगों को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उन्‍होंने तृणमूल को वोट नहीं दिया तो उन्‍हें सबक सिखाया जाएगा। इस बारे में अनुब्रत मंडन ने कहा,’गर्मी को देखते हुए हमने कहा कि हम लोगों की मदद करेंगे। मुझे लगता है कि सभी पार्टियों के नेताओं को ऐसा करना चाहिए।’