बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को दिल्ली में बिहार के नेताओं के साथ एक अहम मीटिंग करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में अमित शाह हाल में इंडिया गठबंधन द्वारा निकाली गई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर अपनी पार्टी के नेताओं से फीडबैक लेंगे।
इसके अलावा अमित शाह इस मीटिंग में एनडीए के लिए सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लेने से पहले 243 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति का आकलन करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मीटिंग में अमित शाह पार्टी द्वारा राज्य में कराए गए विधानसभा-वार सर्वे की रिपोर्ट, बीजेपी और अन्य एनडीए सहयोगियों के कुछ वर्तमान विधायकों के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी पर भी चर्चा करेंगे।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार में बीजेपी और उसके सहयोगी दल पीएम नरेंद्र मोदी की मां के लिए कथित रूप से इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों पर राजद और कांंग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है। बिहार में बीजेपी महिला मोर्चा ने गुरुवार चार सितंबर को पांच घंटे के लिए बिहार बंद का आह्वान किया है। यह बंद सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रभावी रहेगा।
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अमित शाह संग मीटिंग में कौन-कौन शामिल होगा?
अमित शाह के नेतृत्व में होने जा रही इस मीटिंग में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और डिप्टी सीएम विजय कुमार शामिल होंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय व बिहार बीजेपी के इंंचार्ज विनोद तावड़े, बिहार बीजेपी के को-इंचार्ज दीपक प्रकाश, संगठन के महामंत्री भीखूभाई दलसानिया और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ भी मीटिंग में शामिल होंगे।
चुनाव के ऐलान से पहले पीएम कर सकते हैं कई घोषणाएंं
पीएम नरेंद्र मोदी भी आने वाली 15 तारीख को बिहार में पुर्णिया एयरपोर्ट और कुछ अन्य प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन के लिए जाने वाले हैं। माना जा रहा है कि इसी दौरान कुछ और योजनाएं और परियोजनाएं शुरू करने का ऐलान भी कर सकते हैं। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चुनाव आयोग इस महीने के आखिर में या अगले महीने की शुरुआत में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है।
बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए को कितने सीटें मिली थीं?
साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं। एनडीए में बीजेपी 74 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभरी थी जबकि नीतीश कुमार की पार्टी को महज 43 सीटों से संतोष करना पड़ा था। इस चुनाव में जीतनराम मांझी की पार्टी को चार सीटों पर सफलता मिली थी। इस चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी भी एनडीए का हिस्सा थी, उसे चार सीटों पर सफलता मिली थी। इस बार वो महागठबंधन के साथ हैं, जबकि चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाह एनडीए के साथ हैं।
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