बिहार की सियासत में नीतीश कुमार ने एक बार फिर आरजेडी को बड़ा झटका दिया था। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे थे लेकिन चाचा नीतीश ने उन्हें फिर से झटका दे दिया। नीतीश के धोखे पर ही तेजस्वी ने कहा था कि वे जल्द ही कुछ खेला करेंगे। ऐसे में 12 फरवरी को होने वाले सीएम नीतीश कुमार की सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले तेजस्वी ने आरजेडी के सभी विधायकों को अपने आवास पर रोक लिया है। इसे तेजस्वी के खेला होने वाले दावे से जोड़कर देखा जा रहा है।

दरअसल, बहुमत परीक्षण से पहले आरजेडी अपने सभी पत्ते मजबूत करने की कोशिश कर रही है। इसी बीच आज आरजेडी के विधायकों के साथ तेजस्वी यादव ने तीन घंटे की बैठक की। इसके बाद सभी विधायकों को तेजस्वी के ही पांच देश रत्न मार्ग स्थित आवास पर ही रोका गया है। विधायकों को उनके लगेज के साथ ही तेजस्वी के घर पर भेजा गया हैं। इसे आरजेडी के बाड़ा बंदी के तौर पर देखा जा रहा है।

सवाल यह भी है कि क्या तेजस्वी ने इन विधायकों को किसी खेला करने के मकसद से ही रोका है या बीजेपी के डर से रोका है। इसकी वजह यह है कि जेडीयू बीजेपी गठबंधन होने के बाद ही बीजेपी के कुछ नेताओं ने दावा कर दिया था कि आरजेडी के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में है। इसके चलते इसे तेजस्वी यादव के प्रो एक्टिव कदम के तौर पर भी देखा जा सकता है।

अंताक्षरी खेलेंगे सभी विधायक

विधायकों को तेजस्वी यादव के घर पर रोकने वाले मुद्दे पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि हमारे लिए, 12 फरवरी एक सामान्य तारीख है…हमारे विधायकों ने फैसला किया था कि अगले 48 घंटे तक वे एक साथ रहेंगे और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। आपको दिलचस्प लगेगा लेकिन इस दौरान हम अंताक्षरी खेलेंगे। हमने इस खेल को शुरू नहीं किया था लेकिन जैसा कि तेजस्वी यादव ने कहा था, हम इसे खत्म करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला और कहा कि INDIA गठबंधन के लिए नीतीश कुमार खुद आगे आए थे।

हैदराबाद में है कांग्रेस के विधायक

आरजेडी से ज्यादा डर और विधायक टूटने की शंका में कांग्रेस है। इसी का नतीजा ये कि सरकार बदलने के कुछ समय बाद ही कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को पटना बुलाकर हैदराबाद भेज दिया था। कांग्रेस ने दिल्ली सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी, जिनमें 19 में से 17 विधायक बैठक में पहुंचे थे। हैदराबाद जाने वाले विधायकों की संख्या 16 बताई जा रही है।

कहां हैं बीजेपी और जेडीयू के विधायक?

बीजेपी और जेडीयू के बीच हाल ही में एक बार फिर गठबंध हुआ है। दोनों के ही समर्थन से नीतीश एक बार फिर मुख्यमंत्री बने हैं लेकिन जेडीयू न ही बीजेपी किसी ने भी अपने विधायकों को एक जगह इकट्ठा नहीं किया है। हालांकि जेडीयू के लिए चिंता की बात यह है कि एक अनौपचारिक बैठक में पार्टी के कई विधायक नदारद थे।

इसके अलावा जेडीयू मंत्री श्रवण कुमार द्वारा बुलाए गए भोज में भी 6-7 विधायक नहीं पहुंचे थे। ये जेडीयू के लिए चिंता का सबब हो सकते हैं। बीजेपी की प्लानिंग इसमें दुरुस्त बताई जा रही है लेकिन फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले जेडीयू ने अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उस बैठक में जेडीयू के सारे विधायक आते हैं या नहीं।