Bihar Politics: महाराष्ट्र में जारी सियासी ‘महाभारत’ के बीच बिहार में भी कुछ अलग तरह की राजनीतिक हवा चल रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में कुछ बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हो सकता है। इस तरह की खबरों को उस वक्त और बल मिल गया, जब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार (3 जुलाई, 2023) की शाम को यह मुलाकात हुई। नीतीश कुमार और हरिवंश के बीच करीब डेढ़ घंटे बैठक चली। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि यह मुलाकात क्यों हुई? इन सबके बावजूद इस मुलाकात को बिहार के सियासी मिजाज से काफी अहम माना जा रहा है। यही कारण है कि बिहार में एक बार फिर से बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपने विधायकों और सांसदों से वन टू वन मिलने के बाद से इस बात को और हवा मिली है।

18 जून के राज्यपाल से मिले थे नीतीश कुमार

इससे पहले 18 जून को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से राजभवन जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी के अलग-अलग मिलने के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं जमीन के बदले नौकरी घोटाले में चार्जशीट और सुशील मोदी द्वारा तेजस्वी यादव को बर्खास्त किए जाने की मांग ने इस बिहार में बदलाव की सियासत को और बल दिया है।

इसके साथ ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की उस बात से भी कनेक्शन जोड़ा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में कई लोगों को ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ देश स्तर पर कोई बड़ा महागठबंधन बनाने की दिशा में लगे हुए है, लेकिन यह पूरी तरह से भरोसे के लायक नहीं है। किशोर ने कहा था कि जहां तक मैं समझ पाया हूं कि नीतीश कुमार महागठबंधन में जरूर हैं, लेकिन बीजेपी के साथ उन्होंने अपनी बातचीत बंद नहीं की है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि हरिवंश नारायण राज्य सभा के उपसभापति के पद पर बने हुए हैं।

जेडीयू सांसद हैं हरिवंश नारायण

यहां यह भी बताना काफी महत्वपूर्ण हो जाता कि हरिवंश नारायण जेडीयू से सांसद हैं वे दो कार्यकाल से राज्यसभा के उपसभापति हैं। जदयू ने जब एनडीए से अलग होने का फैसला किया था तब भी हरिवंश अपने पद पर बने रहे थे।

नए संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर मोदी के करीब देखे गए थे हरिवंश

हरिवंश नारायण नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर भी पीएम मोदी के काफी करीब देखे गए थे। उन्होंने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का संबोधन संसद भवन में पढ़ा था। इसको लेकर कई बार बिहार में सियासत भी गरमाई। जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने हरिवंश को अपने निशाने पर लिया था। इसके बाद भी वह अभी तक उपसभापति के पद पर बने हुए हैं, लेकिन नीतीश कुमार से उनकी मुलाकात ने एक बार फिर से सियासी अटकलों को हवा दे दी है।