बिहार में पंचायत चुनाव की घोषणा कर दी गयी है। चुनाव में उतरने के लिए प्रत्याशियों की तरफ से तैयारी जारी है। लेकिन इस बीच दूसरे राज्यों की लड़कियों के साथ शादी करने वालों के लिए अच्छी खबर नहीं है। राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से जाति प्रमाण पत्र को लेकर, सभी जिलों को जारी निर्देश में कहा गया है कि जिनके पास बिहार सरकार द्वारा निर्गत जाति प्रमाणपत्र है वो ही नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
आयोग की तरफ से जारी निर्देश ने बिहार में दूसरे राज्यों से आयी दुल्हनों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। इस निर्देश के मुताबिक बिहार सरकार द्वारा जाति प्रमाण पत्रों को ही जातिगत तौर पर आरक्षित सीटों के नामांकन में स्वीकार्य किया जाएगा। मतलब ये कि जो सीटें अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं वहां बिहार का जातिप्रमाण पत्र ही मान्य होगा। 2011 में बिहार सरकार द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए आयोग की तरफ से यह आदेश दिया गया है।
नामांकन में वैसी महिला अभ्यर्थी जो मूल रूप से दूसरे प्रदेशों की रहने वाली हैं, जिनकी शादी बिहार में हुई है, उनके लिए जाति प्रमाण पत्र की समस्या खड़ी हो गयी है। ऐसी महिलाओं का स्थानीय स्तर पर सीओ के द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र लेना होगा। लेकिन उनकी जाति पिता की आरक्षण श्रेणी के समतुल्य ही मिलेगा।
बताते चलें कि राज्य में 11 चरणों में चुनाव करवाए जाएंगे। इस ऐलान के बाद ही ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी गयी थी। राज्य के निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि 8072 पंचायतों के 2,55,022 पदों के लिए चुनाव करवाए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 24 सितंबर को और 11वें चरण का मतदान 12 दिसंबर को होगा।
जिन जिलों में बाढ़ कि दिक्कत है उनमें पहले चरण में मतदान नहीं कराए जाएंगे। शेष सभी चरणों में उन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। पहले चरण में 10 जिलों में मतदान होना है। इनमें कैमूर का कुदरा, गया के बेलागंज और खिजरसराय, रहतास के दावथ और संझौली, नवादा के गोविंदपुर, औरंगाबाद, जहानाबाद के काको, अरवल के सोनभद्र, वंशी, सूर्यपुर, मुंगेर के तारापुर, जमुई के सिकंदरा और बांका के धोरैया प्रखंडों में चुनाव होगा।