COVID-19/Coronavirus संकट ने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है। अधिकतर जगहों पर अव्यवस्था का आलम पनपा है। पर्याप्त स्टाफ और मेडिकल सुविधाओं और संसाधनों की कमी भी सामने आई है। इसी बीच, बक्सर के सदर अस्पताल का एक फोटो सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है, जो शायद आपको भी जज्बाती कर दे। तस्वीर अस्पताल परिसर की है, जिसमें एक महिला ट्रे में अपनी नवजात बच्ची को साथ लिए थी। बगल में औरत का पति भी था, जो कांधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लादे था।

23 जुलाई को आए इस वायरल फोटो के बारे में कहा जा रहा है कि उस दौरान ये दंपति बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल में बदहवास इधर-उधर भटक रहे थे। हैरत की बात है कि अस्पताल में ऐसा हाल तब नजर आया, जब यह हॉस्पिटल केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र के तहत आता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजपुर में सखुआना गांव के रहने वाले सुमन कुमार ने बीवी को डिलीवरी के लिए बक्सर के इसी अस्पताल में एडमिट कराया था। हालांकि, वहां के स्टाफ ने डिलीवरी करने से मना कर दिया। फिर वह वहां से एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां डिलीवरी हुई।

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बताया गया कि बच्चे को जन्म के बाद सांस लेने में दिक्कत हुई थी। ऐसे में उन्होंने जब इलाज की बात कही, तो स्टाफ ने कुमार को ऑक्सीजन सिलेंडर थमा दिया और पत्नी को ट्रे में बच्ची दे दी। साथ ही कहा कि वह सदर अस्पताल जाकर इलाज करा लें।

सदर अस्पताल वहां से लगभग 18 किलोमीटर दूर है। बच्चे की जान के वास्ते आनन-फानन दंपति वहां भी पहुंचे, पर इलाज से पहले उन्हें कागजी कार्रवाई में उलझा दिया गया। बताया गया कि डॉक्यूमेंटशन और फॉर्म भराने में ही डेढ़ घंटे लग गया। और, इसी दौरान बच्ची की मौत हो गई।

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इतना ही नहीं, अस्पताल ने दंपति को बच्ची की लाश ले जाने के लिए कोई बंदोबस्त भी न किया। अस्पताल के इस रवैये के बाद वहां मौजूद कुछ लोगों ने बच्चे की लाश लिए दंपति के फोटो खींच लिए और बाद में वे सोशल मीडिया पर पोस्ट हुए। मामला सामने आया, तो बात डीएम तक पहुंची। उनके निर्देश पर फिलहाल जांच-पड़ताल चल रही है।