लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे भले ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में फ्रंट फुट पर कुछ बड़ा करते न दिखाई दिए हों, मगर इन दिनों वह छात्र जनशक्ति परिषद पर फुल फोकस कर रहे हैं। उन्होंने रविवार (19 सितंबर, 2021) को इस संगठन के सिपाहसलारों में जोश भरा।

यूपी में कृष्ण की नगरी वृंदावन से ऑनलाइन मीट के जरिए उन्होंने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि परिषद से संबंधित लोग राजद को और ताकतवर बनाने की दिशा में काम करें। वे फल की चिंता न करें, क्योंकि आने वाले वक्त में उनका बिहार ही नहीं बल्कि समूचे देश की सियासत में रुतबा रहेगा।

वह बोले, “आगामी दौर में परिषद से संबंधित सदस्यों का बिहार ही नहीं बल्कि देश की सियासत में बोलबाला होगा। आप लोग परिषद के तय कार्यक्रम को आखिरी पायदान वाले व्यक्ति तक लेकर जाएं और राजद को और शक्तिशाली बनाएं।”

तेज ने यह भी कहा कि कार्यकर्ता संगठन में फल की चिंता न करें। सही वक्त और मौका आने पर पार्टी में वह उनके लिए खुद वकालत करेंगे।

बकौल तेज, “मेरा जीवन राज सत्ता नहीं बल्कि जन अधिकार दिलाने के लिए समर्पित है। शिक्षा और न्याय से जुड़े लोगों को ज्यादा से ज्यादा प्रखंड स्तर पर मंडल सदस्य बनाने के लिए जन संपर्क अभियान चलाया जाए। समाज के लोगों को गांव के ईमानदार लोगों की वजह से न्याय मिल रहा है। इस तरह के व्यक्तियों को परिषद का मंडल सदस्य बनाया जाए।”

उन्होंने इसके अलावा पिता लालू प्रसाद यादव के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। आगे बोले, “परिषद में हर धर्म, जाति के लोगों को जगह दी जाए। हमें कुछ लोग दुष्प्रचार के जरिए बदनाम करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। इस तरह के नेता को बिहार के लोग मुंहतोड़ जवाब देंगे। हम पिता जी के पदचिह्नों पर चल रहे हैं और उसी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए न्याय के साथ सामाजिक विकास के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक समर्पित हैं।”

बता दें कि तेज ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से खटपट के बाद छात्र जनशक्ति परिषद नामक संगठन बना लिया था। उन्होंने इसके लिए “राजनीति सीखे और नेतृत्व करो” का नारा देते हुए 100 दिनों का ऐक्शन प्लान तैयार करावाया है।