राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पिछले काफी समय से बिहार की राजनीति से गायब हैं। इन दिनों लालू यादव दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल में भी बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। लंबे समय से बीमार चल रहे लालू प्रसाद यादव की ख्वाहिश है कि उनके बेटे व बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को पार्टी की बागडोर सौंप दी जाए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसी सिलसिले में रविवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से मुलाकात की। दोनों नेताओं के इस मुलाक़ात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि जल्दी ही पार्टी में संगठन स्तर पर बदलाव हो सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार लालू की इच्छा है कि तेजस्वी यादव को जल्दी ही पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाए।
कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव को पहले पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी जाएगी। लालू प्रसाद यादव सिर्फ पार्टी के संरक्षक बने रहना चाहते हैं। माना जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव की मेहनत की वजह से लालू प्रसाद यादव उन्हें पार्टी की बागडोर सौंपना चाहते हैं। साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में राजद ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था और पार्टी को 75 सीटें मिली थी।
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और लालू यादव के बीच हुई मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव भी दिल्ली पहुंचे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार राजद सुप्रीमो के कहने पर ही तेजस्वी यादव दिल्ली गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर दोनों नेताओं के बीच बात हो सकती है। साथ ही बिहार के राजनीतिक गलियारों में यह भी खबर उड़ रही है कि जल्दी ही राजद की राज्य इकाई में भी बदलाव किया जा सकता है।
राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की राजनीतिक लांचिंग की थी। चुनाव बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में लालू यादव के दोनों बेटों को महत्वपूर्ण पद भी दिया गया था। पहली बार विधायक बने तेजस्वी यादव को बिहार का उपमुख्यमंत्री और तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। इन्हीं वजहों से लालू प्रसाद यादव पर हमेशा से परिवारवाद का आरोप लगता रहा है।