बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने राज्य में 39 लोकसभा सीटों पर प्रभारी नियुक्त किए हैं। यह नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा द्वारा की गई है। बीते कुछ समय में पार्टी ने अपने विस्तार के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार चलाने वाली जनता दल यूनाइटेड उत्तर प्रदेश में भगवा पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकती है। दरअसल पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, जो कि अगले साल होने हैं, में चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

बिहार की कद्दावर पार्टी अब उत्तर प्रदेश में भी जमीन तलाश रही है और वह वहां विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है। पार्टी के महासचिव केसी त्यागी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रभारी होंगे। पश्चिम बंगाल और असम में इस साल चुनाव लड़ने के बाद पार्टी अगले साल उत्तर प्रदेश में भी चुनाव लड़ेगी।

पार्टी का कहना है कि वह खुद को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में मजबूती से रखना चाहती है क्योंकि इस क्षेत्र की बिहार के कई जिलों से सीमा लगती है। गौरतलब है कि पूर्वांचल में कई सीटों पर कुर्मी, कोईरी और अति पिछड़ी जातियां चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती हैं इसलिए पार्टी इस क्षेत्र में चुनाव लड़ेगी। असम के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां जेडीयू बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी।

जेडीयू के तेवर तब से चढ़े हुए हैं जब से अरुणाचल प्रदेश में पार्टी के विधायकों ने अपनी पार्टी का साथ छोड़ भगवा पार्टी का दामन थाम लिया था। उस समय दोनों ही पार्टी ने मान लिया था कि पार्टियों का गठबंधन सिर्फ बिहार तक सीमित है।

एक अनुमान के मुताबिक जेडीयू उत्तर प्रदेश में 100 से 120 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। यह फैसला पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पटना में लिया गया। पार्टी ने यह साफ किया है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने का बिहार में भाजपा से गठबंधन से कोई लेना देना नहीं है।