बिहार के गैंगस्टर से नेता बने और मोकामा से पांच बार विधायक रहे अनंत सिंह 15 दिन की पैरोल पाकर जेल से बाहर आ गए हैं। वह अलग-अलग मामलों में पटना के बेऊर जेल में सजा काट रहे हैं। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने अनंत को अपनी पुश्तैनी जमीन के बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है। इस बीच 13 मई को मुंगेर लोकसभा सीट पर मतदान भी होना है। मोकामा विधानसभा क्षेत्र मुंगेर लोकसभा के अंतर्गत आता है। अपने समर्थकों में छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह के इस समय जेल से बाहर आने को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।

मृत्युंजय तिवारी बोले- पूरी सरकार ही पैरोल पर है

आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “सरकार ने पैरोल देकर साबित कर दिया उसमें बेचैनी है। अब सरकार बाहुबल, धनबल का प्रयोग कर रही है और बाहुबल धनबल के भरोसे किसी तरह से कुछ सीट जीतना चाह रही है, लेकिन ये संभव नहीं क्योंकि जनबल तेजस्वी यादव के साथ है। जनता का बल लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत है। सरकार चाहे किसी को भी पैरोल दे, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। सरकार दूसरों को क्या पैरोल देगी, खुद ही पैरोल पर है।”

बेऊर जेल से बाहर निकलते ही दिया बड़ा बयान

बेऊर जेल से बाहर आते ही अनंत सिंह ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मुंगेर में ललन सिंह पांच लाख वोटों से जीत रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विरोधी प्रत्याशी अशोक महतो को तो कोई जानता तक नहीं है।

उनके जेल से बाहर आने की सूचना मिलने पर बेउर जेल के बाहर उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई, जिसके बाद किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए। पटना और मोकामा के बीच अनंत के काफिले में 100 से ज्यादा एसयूवी मौजूद रहीं। समर्थकों की भीड़ पर अनंत सिंह ने कहा कि लोग हमारे हैं तो यहां आएंगे ही।

पटना की एमपी/एमएलए कोर्ट ने अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट के एक मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसमें अगस्त 2019 में छापेमारी के दौरान उनके आवास से एक एके -47 असॉल्ट राइफल, दो हथगोले और जिंदा कारतूस तथा अन्य हथियार जब्त किए गए थे। उनके खिलाफ जबरन वसूली, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश के दो दर्जन से अधिक मामले हैं।