बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शनिवार को महागठबंधन के चार बड़े नेताओं ने बंद कमरे में मुलाकात की। खास बात यह थी कि इसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को नजरअंदाज किया गया। पटना के होटल चाणक्य में लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी और आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बीच यह मुलाकात हुई। बैठक की अध्यक्षता शरद यादव ने की। कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले राजद के बिना एक नया मोर्चा बन सकता है।

मुलाकात में राजद को शामिल न करने पर इस बात की अटकलें एकबार फिर तेज हो गई हैं कि महागठबंधन चुनाव से पहले बिखर सकता है। वहीं राजद की तरफ से चारों नेताओं की मुलाकात पर प्रतिक्रिया दी गई है। पार्टी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव के बिना महागठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती। वहीं राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि “तेजस्वी का कोई विकल्प नहीं है”। इस मुलाकात में चारों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई इसपर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि कहा जा रहा है कि इस बैठक में भविष्य की चुनावी रणनीति और किसके चेहरे पर चुनावी मैदान में उतरा जाए इस पर चर्चा हुई है।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लडने की घोषणा कर चुके हैं पर इस चुनाव में प्रदेश के विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा यह अभी महागठबंधन के घटक दलों के बीच अब तक तय नहीं हो पाया है।

वहीं चारा घोटाला मामले में रांची की जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद की पार्टी राजद उनके छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव को इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एकतरफा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुकी है पर महागठबंधन में शामिल कुशवाहा ने गुरूवार को कहा, ‘लालू जी बाहर रहते तो ठीक है पर वह आज बाहर नहीं हैं तो स्वभाविक रूप से एक ऐसा चेहरा चाहिए और उसमें शरद यादव जी हैं और जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो मुख्यमंत्री कौन होगा वह तो फिर मिलकर तय होगा।’