बिहार चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के आसार बन गए हैं। मंगलवार सुबह बिहार के एक दिवसीय दौरे पर गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात की। वहीं देर शाम नीतीश कुमार दिल्ली पहुंच गए। उम्मीद जताई जा रही है कि दिल्ली में होने वाली लंबी बैठकों में सीट बंटवारे पर अंतिम मोहर लग जाएगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा और जद (एकी) करीब बराबर सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि जद (एकी) के पास भाजपा से कुछ सीटें ज्यादा रहेंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों मिलकर 205 सीटों पर चुनाव लड़े। ऐसे में भाजपा के पास 100 से 102 सीटें जबकि जद (एकी) के पास 103 से 105 सीट रहने का अनुमान है। हालांकि आधिकारिक घोषणा होना अभी बाकी है, लेकिन लगातार हो रही बैठकों और राज्यव्यापी कार्यक्रमों से संकेत साफ हो गए हैं कि राजग ने चुनावी मैदान के लिए तैयारी पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजग का चेहरा बनाकर गठबंधन यह संदेश देने की तैयारी कर रहा है कि बिहार में भाजपा और जद (एकी) अब साथ मिलकर चुनावी लड़ाई को संतुलित तरीके से लड़ेंगे।

चिराग को मिल सकती है 20 सीट

वहीं चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को करीब 20 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि चिराग ने गठबंधन से करीब 40 सीटों की मांग रखी थी। साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजग से अलग होकर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में जद (एकी) के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो गई थी। लेकिन राजग इस बार उन्हें साथ लेकर चल रही है। सूत्रों का कहना है कि गठबंधन हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) (एचएएम(एस) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएम) को साथ लेकर चलेगी। गठबंधन इन दोनों को 10 से 12 सीटें देने के पक्ष में हैं। वहीं विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को भी राजग के तरफ से सीट मिलने की उम्मीद है। ऐसा बताया जा रहा है कि भाजपा, जद (एकी) के बराबरी के नियम के बाद जो सीटें बचेंगी, उन्हें इन छोटे दलों के हिस्से में बांटा जाएगा।

बिहार विधानसभा चुनाव: पिछली बार इन सात सीटों पर हुआ था जबरदस्त घमासान

राजग 14 सितंबर तक बिहार में क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इन बैठकों को सीट बंटवारे की तैयारी और कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतारने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। 2020 से तुलना करें तो भाजपा की हिस्सेदारी थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन राजनीतिक संतुलन और गठबंधन की मजबूती के लिए इसे राजग की मुख्य रणनीति बताई जा रही है।

पिछले चुनाव में एनडीए गठबंधन में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी

बिहार विधानसभा के 243 सीटों में से भाजपा ने 74, जेडीयू ने 43, वीआईपी ने 4 और एचएएम ने 4 सीटें जीतकर राजग को कुल 125 सीटों का बहुमत दिलाया। जबकि पिछले चुनाव में जेडीयू 115, भाजपा 110, वीआईपी 11 (भाजपा के कोटे से), एचएएम(एस) 7 (जेडीयू के कोटे से) सीटों पर चुनाव लड़ी थी।