16 अक्तूबर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आइर्डडी विस्फोट के भय को दरकिनार करते हुए बिहार के लोग विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान के लिए भारी संख्या में निकले। दूसरे चरण में 32 सीटों के लिए हुए चुनाव में 55 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले जो 2010 विधानसभा चुनाव के 52.03 के मुकाबले करीब तीन फीसद ज्यादा है।

चुनाव आयोग ने इस दौरान असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए यूएवी का इस्तेमाल किया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने नतदान के दौरान गया में दो आइईडी को निष्क्रिय किया। इसमें एक का वजन 10 किलोग्राम और दूसरे का 12 किलोग्राम था।

उप चुनाव आयुक्त व बिहार के प्रभारी उमेश सिन्हा ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आइईडी के भय को दरकिनार करते हुए लोग बड़ी संख्या में वोट डालने आए। इन घटनाओं से उन पर कोई असर नहीं पड़ा। यह इस क्षेत्र में सबसे अधिक शांतिपूर्ण चुनाव में शामिल है। सुरक्षा बलों की ओर से केन बम को पकड़ने की बात सामने आई जो बाद में गलत निकली।

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय वी नायक ने पटना में बताया कि द्वितीय चरण के तहत प्रदेश के नक्सल प्रभावित छह जिलों कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और गया के कुल 32 विधानसभा क्षेत्रों में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुक्रवार को मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया और कुल 55 फीसद मतदाताओं ने वोट डाले।

उन्होंने बताया कि गत 12 अक्तूबर को हुए पहले चरण के चुनाव की तरह शुक्रवार को दूसरे चरण के चुनाव में भी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी ज्यादा रही। शुक्रवार को जहां 57.50 फीसद महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 52.50 रही।

नायक ने बताया कि कैमूर में सबसे ज्यादा 57.86 फीसद और औरंगाबाद में सबसे कम 52.50 फीसद मतदान हुआ। मतदान के दौरान कोई बड़ी घटना नहीं घटी पर गया जिले के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के मैगरा इलाके में सीआरपीएफ ने 12 और 10 किलोग्राम के दो आइईडी बरामद किए जिसे निष्क्रिय कर दिया गया।

नायक ने बताया कि नक्सल प्रभावित इन जिलों में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इसके लिए अर्द्धसैनिक बलों के साथ राज्य पुलिस बल की कुल 993 कंपनियां तैनात की गई थीं। पूरी मतदान प्रक्रिया की हवाई निगरानी के लिए पांच हेलिकॉप्टरों और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि चार अन्य जिलों रोहतास, अरवल, जहानाबाद और गया में मतदान का फीसद क्रम से 54.66, 53.21, 56.49 और 55.54 रहा। तेरह मतदान केंद्रों पर वोटरों ने मतदान का बहिष्कार किया।

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बाद जिन प्रमुख उम्मीदवारों का भाग्य आज ईवीएम में सील हो गया, उनमें बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, मंत्री जय कुमार सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, रामाधार सिंह, अनिल कुमार, सुरेंद्र यादव, इलियास हुसैन और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह आदि शामिल हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का गया जिले के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में उदय नारायण चौधरी से सीधा मुकाबला है। साथ ही मांझी जहानाबाद जिले की मखदूमपुर विधानसभा सीट से भी किस्मत आजमा रहे हैं जहां से वे निवर्तमान विधायक हैं। 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 32 विधानसभा क्षेत्रों में से जद (एकी) ने सबसे ज्यादा 19 सीटें जीती थीं जबकि उस समय उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ रही भाजपा ने 10 सीटों पर विजय हासिल की थी। राजद ने दो सीटें जीती जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई।

इस बार इन विधानसभा क्षेत्रों में जद (एकी) और राजद ने 13-13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस छह सीटों पर भाग्य आजमा रही है। छह जिलों की इन 32 सीटों में से आधे पर राजग में भाजपा की सहयोगी लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी), हम और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं।