बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजग के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। इसे देखते हुए भाजपा के सहयोगी दलों ने उस पर सीटों के तालमेल को जल्द अंतिम रूप देने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वहीं नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने सीट बंटवारे में उपेक्षा से नाराज होकर बेमियादी अनशन शुरू कर दिया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के दौरान लोजपा उपाध्यक्ष चिराग पासवान ने सीटों के तालमेल को जल्द अंतिम रूप देने की मांग की। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जद (एकी) और लालू प्रसाद के राजद ने सीटों का बंटवारा कर लिया है। शाह ने बिहार चुनाव के संदर्भ में जून में लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी। इसके बाद कोई प्रगति नहीं हो पाने के कारण राजग के छोटे घटकों के बीच थोड़ा असंतोष पैदा हुआ है।

रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘सीटों के तालमेल को जितना जल्दी अंतिम रूप दिया जाता है, उतना बेहतर होगा। वास्तव में, ज्यादा देरी करने से हमारी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंच सकता है।’
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीटों का बंटवारा ‘ईमानदारी’ के साथ किया जाएगा और उनकी पार्टी इस दिशा में काम कर रही है। भाजपा बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 170 से 180 तक पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि शेष सीटें लोजपा, रालोसपा, और मांझी की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के लिए छोड़ दी जाएंगी।

उधर, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले ‘महागठबंधन’ में दरार पड़ती नजर आ रही है। महागठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी ने सीटों के बंटवारे में उपेक्षा का आरोप लगाया है। पार्टी ने अधिकारपूर्ण हिस्से की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत की है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों में जद (एकी) और राजद को सौ-सौ सीटें मिली हैं। कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राकांपा को तीन सीटें मिली हैं। इसे पार्टी ने अपमान बताया है।

सपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र यादव ने कहा, ‘कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साथ लाने और धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन बनाने में सपा ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। लेकिन बदले में इसकी पूरी तरह उपेक्षा की गई। सीट बंटवारे के दौरान भी हमसे विचार-विमर्श नहीं किया गया। इस व्यवहार के खिलाफ हमने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है।’ सपा के 51 नेता अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं। यादव ने कहा, ‘यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि महागठबंधन पार्टी को इसका उचित हिस्सा नहीं देता या सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव मुद्दे पर कोई निर्देश नहीं देते।’