Bihar Araria Lok Sabha Bypolls Result 2018: अररिया लोकसभी सीट के उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने करिश्मा किया है। पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा झटका देते हुए यह सीट अपने नाम की। बुधवार (14 मार्च) को उपचुनाव के लिए हुई मतगणना में पार्टी के सरफराज आलम ने 61 हजार 988 वोटों से जीत हासिल की। आरजेडी को कुल पांच लाख नौ हजार तीन सौ चौंतीस (5,09,334) वोट मिले थे, जबकि भाजपा को सिर्फ चार लाख सैंतालिस हजार तीन सौ छियालीस (4,47,346) मिले। अररिया सीट पर 59 फीसद वोटिंग हुई। 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी इस सीट पर भाजपा हार गई। यहां से आरजेडी के तस्लीमुद्दीन ने बड़ी जीत दर्ज की थी। बता दें कि इससे पहले तक पीछे चल रहे आरजेडी के सरफराज आलम ने बार फिर बढ़त बना ली थी। वहां भाजपा के प्रदीप सिंह से तकरीबन 58 हजार वोटों से आगे निकल गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले तक आरजेडी उम्मीदवार को अभी तक 2,57,108 वोट मिले थे, जबकि भाजपा उम्मीदवार 2,44,957 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर थे। वोटों के अंतर के हिसाब से देखा जाए तो आरजेडी 12,151 वोटों से आगे चल रही थी। प्रदीप सिंह इससे पहले करीब सात हजार वोटों से आगे चल रहे थे।
#Araria Lok Sabha bypoll: RJD wins by 61988 votes. RJD got 509334 votes and BJP got 447346 votes #Bihar
— ANI (@ANI) March 14, 2018
राजद सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के कारण यह सीट खाली हुई थी। तस्लीमुद्दीन बिहार की लालू-राबड़ी सरकार में मंत्री थे। इनके अलावा वो केंद्र की यूपीए सरकार में भी मंत्री थे। सीमांचल में तस्लीमुद्दीन का खासा प्रभाव माना जाता रहा है। बता दें कि बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर रविवार (11 मार्च) को वोटिंग हुई थी। उसके नतीजे आज (14 मार्च) को आएंगे। उम्मीद की जा रही है कि दोपहर बाद पूरी स्थिति साफ हो जाएगी कि अररिया की संसदीय सीट एनडीए के खाते में जाती है या फिर से राजद की झोली में जाएगी। अररिया में आरजेडी के आगे चलने पर लालू के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव एक विचारधारा हैं। बकौल तेजस्वी, “जो कहते हैं लालू जी खत्म हो गए हैं। आज हम उन्हें कह सकते हैं कि वह एक विचारधारा हैं। बिहार की जनता को इस जीत के लिए धन्यवाद। मांझी जी को भी शुक्रिया।” सूबे के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी चुनाव को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। कहा, “भाजपा को अपनी फेस वैल्यू पर काम करना बंद कर देना चाहिए। पार्टी को उसके बजाय लोगों के लिए किए जाने वाले काम में प्रयास करने चाहिए। यही एक रास्ता है, जिसके जरिए वह अपनी स्थिति सुधार सकती है। अन्यथा उनका 2019 के चुनाव में वही हाल होगा, जो इस उपचुनाव में हो रहा है।”
Rashtriya Janata Dal leaders celebrate in Patna. #BiharByPoll pic.twitter.com/pdWa5J1FV3
— ANI (@ANI) March 14, 2018
तेजस्वी यादव ने अररिया के नतीजों को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी खुशी का इजहार किया। लिखा, “आरजेडी के प्रति अटूट प्रेम, अखंड विश्वास और अपार जनसमर्थन के लिए जनता का आभार। न्यायप्रिय बिहारवासियों ने जनभावना को ऊपर रखा है। यह जीत बिहार की महान जनता को समर्पित है।” वहीं, बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा, “सूबे ने इस बार सहानुभूति में वोट दिया है। मैं हमारा समर्थन करने वालों को शुक्रिया अदा करता हूं। हम जनाधार का स्वागत करते हैं। लेकिन हम निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में 2019 के चुनावों में बाजी मारेंगे।”
अररिया उप चुनाव में दिवंगत तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम राजद के उम्मीदवार हैं। उन्हें कांग्रेस और जीतनराम मांझी की हम ने समर्थन दिया है। लोकसभा उप चुनाव से पहले सरफराज आलम जदयू के विधायक थे। उन्होंने विधायकी और जदयू से इस्तीफा देकर राजद की सदस्यता ली और फिर यहां से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा है। एनडीए की तरफ से बीजेपी ने पूर्व प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह को फिर से उम्मीदवार बनाया है। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद प्रदीप कुमार सिंह हार गए थे। मुस्लिम बहुल अररिया संसदीय क्षेत्र में कुल 17 लाख 37 हजार 468 मतदाता हैं जिन्होंने 1470 बूथों पर लगे ईवीएम में इन उम्मीदवारों की किस्मत कैद कर दी है। सभी टीवी चैनलों के साथ-साथ जनसत्ता.कॉम भी मतगणना के रुझान और नतीजों से आपको अपडेट कराता रहेगा।
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अररिया संसदीय सीट के साथ ही बिहार में भभुआ और जहानाबाद विधान सभा सीट पर भी 11 मार्च को मतदान हुए हैं। उनके भी नतीजे आज आएंगे। बिहार का यह उप चुनाव सियासी दृष्टिकोण से बहुत अहम माना जा रहा है क्योंकि यह पहला मौका है जब लालू यादव की गैर मौजूदगी में उनके बेटे तेजस्वी यादव ने चुनावी रैलियों को संबोधित किया और इन चुनावों की जिम्मेदारी संभाली है। इसके साथ ही महागठबंधन से नीतीश कुमार के अलग होने के बाद इन इलाकों की जनता तय करेगी कि नीतीश का बीजेपी के साथ जाना सही कदम था या नहीं।
बिहार की अभी 40 लोकसभा सीटों में 31 पर भाजपा कब्जा है जबकि दो जेडीयू, दो कांग्रेस और तीन सीटें आरजेडी के पास हैं। एक सीट पर निर्दलीय का कब्जा है। अगर अररिया लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार जीत दर्ज करता है तो बिहार में इसके सांसद की संख्या 32 हो जाएगी। वहीं अगर आरजेडी उम्मीदवार जीत दर्ज करता है उसे सांसदों की संख्या चार हो जाएगी। शुरुआती रुझान सामने आने पर जेडीयू प्रवक्ता ने नीरज सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा है कि उपचुनाव में सहानुभूति फेक्टर काम कर रहा है।
EVMs opened at a counting centre in Bihar’s Araria as counting of votes continues. pic.twitter.com/O4DQnJGu3P
— ANI (@ANI) March 14, 2018