यूपी के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी के साथ एक घंटे से भी लंबी मुलाकात चली। उस मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि भूपेंद्र चौधरी ने हार की जिम्मेदारी ले ली है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कह दिया है कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से जो नतीजे आए, वो उनके आशा के अनुरूप नहीं थे। वे इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं। एक तरफ उनका यह बयान तुरंत चर्चा में आ गया है तो वही दूसरी तरफ गृह मंत्री अमित शाह, पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पर पहुंच चुके हैं। अगर दोनों ही घटनाओं को साथ जोड़कर देखा जाए, माना जा रहा है कि यूपी की राजनीति में कुछ बड़ा हो सकता है।

यूपी में क्या कुछ बड़ा होगा?

इस समय उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए सबकुछ सही नहीं चल रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच में अनबन की खबरें आग की तरह फैल चुकी हैं। दोनों तरफ से कुछ ऐसी बयानबाजी हुई है जिसने साफ कर दिया है कि रिश्ते सहज नहीं चल रहे हैं। इसके ऊपर यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के प्रदर्शन ने हाईकमान को खासा चिंतित और नाराज कर दिया है। इसी वजह से माना जा रहा है कि संगठन में कोई बड़ा परिवर्तन किया जा सकता है।

शाह क्यों पहुंच गए मोदी के पास?

अब उस परिवर्तन की अटकलों के बीच ही अमित शाह पीएम मोदी से मिलने पहुंच गए हैं। वैसे तो इस मुलाकात को लेकर कोई डिटेल नहीं आई है, लेकिन जानकार मानते हैं कि यूपी की राजनीति को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है। इसके ऊपर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी से एक-एक घंटा मुलाकात कर सियासी पारा पहले ही बढ़ा दिया है।

योगी-मौर्य की खटपट क्यों?

जानकारी के लिए बता दें कि यूपी बीजेपी में तनातनी की खबरें तब तेज हो गईं जब कार्यसमिति के बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने दो टूक कह दिया कि सरकार से बड़ा संगठन होता है। दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ ने हार के लिए अति आत्मविश्वास को जिम्मेदार बता दिया। उसके बाद से ही मौर्य की राहें अलग हो गईं और वे दिल्ली में बड़े नेताओं से मिलने पहुंच गए। दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ भी मुलाकात करना शुरू कर चुके हैं। दोनों ही तरफ से सियासी संदेश देने का काम हो रहा है, बस किसका मैसेज हाईकमान को ज्यादा समझ आता है, आगे की राजनीति इसी पर निर्भर करने वाली है।