उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के साउथ कैंपस की डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर धर्म, जाति आदि के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के साथ-साथ कथित तौर पर विश्वविद्यालय के प्लेग्राउंड से आरएसएस के झंडे हटवाने का आरोप है। इस मामले में आरएसएस के एक स्थानीय अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ताओं और छात्रों के विरोध के बाद डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस: देहात कोतवाली के एसएचओ अभय कुमार सिंह ने बताया कि दामले के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 295ए, 504 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया है। उन पर धर्म, जन्म, निवासी व भाषा आदि के आधार पर भेदभाव करने व माहौल बिगाड़ने समेत कई आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में आरएसएस के जिला कार्यवाह चंद्रमोहन ने शिकायत दर्ज कराई थी।
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आरएसएस कार्यकर्ता ने लगाया यह आरोप: आरएसएस की मिर्जापुर डिस्ट्रिक्ट विंग के प्रभारी चंद्रमोहन ने दावा किया, ‘‘12 नवंबर को बीएचयू के साउथ कैंपस स्थित स्टेडियम में संघ की शाखा लगी थी। यह कार्यक्रम लगातार 7 साल से हो रहा है। सुबह करीब 7 बजे किरण दामले ने एक भगवा झंडे को उखाड़ दिया और उसे जमीन पर फेंक दिया। मौके पर मौजूद स्वयंसेवकों ने उन्हें झंडे का धार्मिक महत्व समझाया तो वह नीरज द्विवेदी समेत अन्य स्वयंसेवकों से गाली-गलौज करने लगीं। उन्होंने कहा कि भले ही पूरा देश अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानता हो, लेकिन मैं उसे स्वीकार नहीं करती।’’
डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने दी यह जानकारी: बीएचयू की डिप्टी चीफ प्रॉक्टर किरण दामले ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘‘मंगलवार को मैं यूनिवर्सिटी के प्लेग्राउंड से गुजर रही थी। वहां भगवा रंग के झंडे लगे थे। मैंने अपने अटेंडेंट से पूछा कि ये झंडे किसने लगवाए, लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद प्लेग्राउंड में मौजूद स्टूडेंट्स से पूछा गया तो उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया। जब किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली तो मैंने झंडा हटा दिया और अपने अटेंडेंट को देकर उसे ऑफिस में रखने के लिए कहा।’’ बता दें कि छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव से ताल्लुक रखने वाली किरण दामले बीएचयू में असिस्टेंट स्पोर्ट्स डायरेक्टर भी हैं।
आरएसएस के कार्यक्रम की नहीं थी जानकारी: दामले ने बताया, ‘‘बाद में, कुछ छात्र मेरे पास आए और उन्होंने बताया कि यह झंडा आरएसएस का है। मैंने उनसे कहा कि इस बारे में मुझे कोई लिखित जानकारी नहीं मिली। इस वजह से मैं नहीं जानती। मैंने उसने उनकी गतिविधियां जारी रखने को कहा, लेकिन झंडा लगाने की इजाजत नहीं दी, क्योंकि इस वक्त हालात काफी संवेदनशील हैं। दोपहर के वक्त यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन होने लगा और मेरे इस्तीफे की मांग की जाने लगी। अधिकतर प्रदर्शनकारी बाहरी लोग थे। मैंने छात्रों व प्रदर्शनकारियों से कहा कि मुझे गलती हो गई और माफी भी मांगी। उन्होंने जवाब दिया कि माफी मांगना पर्याप्त नहीं है। मुझे इस्तीफा देना होगा। मैंने कहा कि अगर इससे आप शांत हो जाएंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगी। इसके बाद मैंने डिप्टी चीफ प्रॉक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया। कुछ लोगों ने बताया कि मेरे खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है। मैं चुप रही, क्योंकि मैंने कुछ गलत नहीं किया।’’
मामले की जांच शुरू: बीएचयू साउथ कैंपस की प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. रमा देवी ने बताया, ‘‘यह कैंपस का इंटरनल मामला है और इसकी जांच कराई जा रही है। कुछ छात्र झंडे के सामने योग कर रहे थे। डिप्टी चीफ प्रॉक्टर ने दुर्व्यवहार किया और झंडा लेकर चली गईं। इसके बाद कुछ छात्रों ने प्रदर्शन किया और उनके इस्तीफे की मांग की। उन्होंने प्रॉक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। विश्वविद्यालय मामले की जांच कर रहा है। साथ ही, उनका इस्तीफा आला अधिकारियों को भेज दिया गया है।’’