Atul Subhash Suicide Case: एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा और भाई अनुराग को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। अब इस मामले पर अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार ने कहा कि हमें नहीं पता कि उसने हमारे पोते को कहां रखा है। क्या उसे मार दिया गया है या वह जिंदा है? हम उसके बारे में कुछ नहीं जानते। मैं चाहता हूं कि मेरा पोता हमारे साथ रहे।

समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में पवन कुमार ने कहा, ‘पुलिस वालों को बहुत ही बड़ा धन्यवाद है। हमारी कानून व्यवस्था को हम धन्यवाद देते हैं। हमारी गुहार सुनकर उन लोगों ने हम को बहुत ही बड़ी राहत दी है। कम से कम वो लोग गिरफ्तार तो हुए हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम अस्थि कलश अपने साथ में लेकर आए हैं। हम पूजा पाठ करने वाले लोग हैं। जज को पूरी तरह से क्राप थी तभी तो अतुल ने ऐसा किया है। जज तो उससे पैसा मांगती थी, जबकि वो घूस देने वाला आदमी नहीं था। वो तो कहीं भी जाता था तो आप पेनेल्टी कर दो। वो केवल इनकम टैक्स का पैसा देता था।’

हमें अभी न्याय नहीं मिला- पवन कुमार

अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार ने कहा, ‘अभी हम उसके अस्थि कलश का विसर्जन नहीं करेंगे। अभी हमें न्याय नहीं मिला है। अभी भी हमारे ऊपर केस हैं। 16 तारीख के लिए अभी उसने हमारे ऊपर एक केस और डाला है। आज यही कहना है कि हमारा पोता हमारे को चाहिए। हम पीएम मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं से अपील करते हैं कि वे सुनिश्चित करें कि मेरा पोता मेरे पास आए।’ पवन कुमार ने कहा कि हमने अपने पोते को केवल वीडियो कॉलिंग पर ही देखा है। उसको कभी भी गोद में नहीं खिलाया है। एक दादा के लिए उसका पोता अपने बेटे से भी बढ़कर होता है। हम अपना दुख किसी को बताते भी नहीं थे। अपने गम को हम भी छिपाए हुए थे। लेकिन आज पूरा समाज हमारे साथ में खड़ा हुआ है और पूरे गांव के लोग भी हमारे साथ में खड़ा हुआ है।

कौन हैं अतुल सुभाष की पत्नी निकिता, क्या करती हैं? 

निकिता सिंघानिया को किया गया अरेस्ट

अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, जबकि उसकी मां और भाई को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। उसका चाचा सुशील भी आरोपी है और फरार है। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों को कल गिरफ्तार किया गया और देर रात बेंगलुरु लाया गया। उन्हें आज अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर सावधानी बरती क्योंकि लोग आक्रोशित हैं। इससे पहले बेंगलुरु पुलिस ने उन्हें तीन दिन के भीतर पेश होने को कहा था। पढ़े पूरी खबर…