बेंगलुरु में तंजानिया की छात्रा के साथ हुई उत्पीड़न की घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने गुरुवार को कहा कि लड़की के साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, छात्रा के कपड़े फाड़ने और उसे नग्न घुमाने की कोई घटना नहीं हुई। इस घटना का नस्लवाद से कोई लेना देना नहीं है। बेंगलुरु में इस तरह की मानसिकता नहीं है। दुर्घटना के बाद भीड़ की प्रतिक्रिया स्वरूप यह घटना हुई।’ हालांकि उन्होंने कहा कार जलाने के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में गृह मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। जबकि अफ्रीकी मामलों के संयुक्त सचिव ने तंजानिया के उच्चायुक्त से बात कर घटना को दुर्भाग्यशाली बताया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी घटना पर चिंता जताई थी। आपको बात दें कि 24 वर्षीय तंजानियाई छात्रा ने आरोप लगाया था कि रविवार शाम को उत्तरी बेंगलुरु के गणपतिनगर में भीड़ ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था। छात्रा का कहना है कि भीड़ ने उन पर हमला किया और उनके कपड़े फाड़ दिये। वहां मौजूद एक भले आदमी ने उन्हें टी शर्ट दी। बाद में हमले करने वाले लोग लोकल बस में चढ़ कर भाग गये। छात्रा ने पुलिस में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
पुलिस ने इस मामले की धारा 354 के तहत जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चार संदिग्धों को हिरासत में भी ले लिया गया है। पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया है और फाड़े गये कपड़े भी बरामद कर लिए हैं। इसी बीच तंजानिया दूतावास ने भी अपने नागरिक पर हुए हमले पर चिंता व्यक्त की है।
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