Bengaluru Heavy Rain: देशभर में मौसम अपने अलग-अलग रूप दिखा रहा है। इस बीच IMD ने कई राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) (IMD) ने बेंगलुरु (Bengaluru Rains) के लिए ऑरेंज अलर्ट और कर्नाटक के विभिन्न स्थानों पर यलो अलर्ट जारी किया है।

रविवार शाम से सोमवार सुबह तक लगभग 12 घंटों में 130 मिमी बारिश से बेंगलुरु का भारी नुकसान हुआ है। यहां तीन लोगों की मौत हो गई है, 500 घरों में पानी भर गया, 20 से अधिक झीलें उफान पर हैं। महत्वपूर्ण क्षेत्रों की दर्जनों सड़कें जलमार्गों में तब्दील हो गई हैं, अंडरपास और फ्लाईओवरों पर पानी भर गया है, यातायात के लिए कई घंटों तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही और बेंगलुरु के कई इलाकों में सार्वजनिक बस सेवाएं ठप हो गईं।

भारी बारिश और साथ में तेज आंधी-तूफान ने शहर के दक्षिण, उत्तर और पूर्वी हिस्सों को हिलाकर रख दिया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले पांच दिनों तक बेंगलुरु में भारी बारिश का अनुमान लगाया है। बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त महेश्वर राव ने इसे एक दशक में दूसरी सबसे अधिक बारिश बताया और कहा कि कभी-कभी चीजें हाथ से निकल जाती हैं, लेकिन हम इस पर काम कर रहे हैं।

63 वर्षीय मनमोहन कामथ और सुरक्षा गार्ड के बेटे 12 वर्षीय दिनेश की सोमवार शाम करीब 6.15 बजे दक्षिण बेंगलुरु के बीटीएम लेआउट द्वितीय स्टेज स्थित डॉलर्स कॉलोनी के मधुवना अपार्टमेंट में भरे बारिश के पानी को बाहर निकालने के दौरान बिजली का करंट लगने से मौत हो गई।

पहली मंजिल पर रहने वाले कामथ ने पानी बाहर निकालने के लिए एक मोटर खरीदी। लगभग उसी समय, गार्ड भरत का बेटा दिनेश कामथ की मदद करने के लिए बाहर आया। जब मोटर को प्लग इन किया गया, तो दोनों को करंट लग गया। अन्य निवासियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दिनेश तीन महीने पहले अपने माता-पिता के साथ नेपाल से बेंगलुरु आया था।

व्हाइटफील्ड में हाउसकीपिंग कर्मचारी शशिकला डी. 32 की मौत उस समय हो गई, जब उनके कार्यालय वाली बिल्डिंग की दीवार गिर गई। सीएम ने उनके परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है।

व्हाइटफील्ड से लगभग 50 किमी दूर, केंगेरी के कोटे लेआउट में 100 घरों में पानी घुस गया, जबकि आरआर नगर की वृषभवती घाटी में बाढ़ से पांच जानवरों की मौत हो गई। जिसमें तीन गाय, एक बछड़ा और एक भैंस शामिल हैं। यहां सड़कें नालों में तब्दील हो गईं, जिससे 44 चार पहिया वाहन और 93 दो पहिया वाहन डूब गए या बह गए। 27 पेड़ उखड़ गए और 43 से अधिक की शाखाएं टूट गईं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने बाढ़ग्रस्त घरों और मोहल्लों से लोगों को निकालने के लिए नावें तैनात कीं।

सूत्रों ने बताया कि हालांकि किसी भी प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी ने कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की घोषणा नहीं की है, लेकिन यदि आने वाले दिनों में शहर में समान रूप से बारिश होती है तो उन्होंने सभी विकल्प खुले रखे हैं।

केंगेरी (132 मिमी), वडेराहल्ली (131 मिमी), चिक्काबनवरा (127 मिमी), चौदेश्वरीनगर (104 मिमी) और केम्पेगौड़ा वार्ड (103.5 मिमी) में सबसे ज़्यादा बारिश हुई, जो बेंगलुरु के स्टॉर्मवॉटर नालों की 70 मिमी क्षमता से कहीं ज़्यादा थी।

कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के अनुसार, कोरमंगला, बसवनगुडी, मराठाहल्ली और एचएएल एयरपोर्ट जैसे अन्य क्षेत्रों में भी 90 मिमी से ज़्यादा बारिश दर्ज की गई। येलहंका में 29 में से 20 झीलें पूरी क्षमता तक पहुंच गईं। केंद्रीय रेशम बोर्ड जंक्शन जलमग्न हो गया।

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शहर के मध्य में डबल रोड, रिचमंड टाउन और शांतिनगर में सड़कें जलमग्न हो गईं और दोपहिया वाहन पानी में बहते नजर आए। इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी एलिवेटेड एक्सप्रेसवे और मराठाहल्ली की ओर जाने वाले आउटर रिंग रोड को भीषण बाढ़ के कारण बंद कर दिया गया है।

सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं है। शांतिनगर में बीएमटीसी बस डिपो पानी में डूब गया। बीएमटीसी के एक अधिकारी ने बताया कि जब सुबह 6 बजे ड्राइवर और कंडक्टर पहुंचे, तो वे बसों को बाहर नहीं निकाल पाए। केंद्रीय अपराध शाखा कार्यालय में भी पानी भर गया, जिससे ग्राउंड फ्लोर के आठ कमरों में रखे आधिकारिक रिकॉर्ड खराब हो गए।

महादेवपुरा में कम से कम 10 स्थानों पर भारी बाढ़ आई। साई लेआउट फिर से पूरी तरह जलमग्न हो गया। अधिकारियों ने राहत के लिए छह ट्रैक्टर, दो जेसीबी, तीन फायर टेंडर, 35 कर्मचारी और दो एसडीआरएफ नावें तैनात कीं। प्रभावित निवासियों को भोजन और पानी वितरित किया गया। मराठाहल्ली में दीपा नर्सिंग होम, चिन्नाप्पनहल्ली 5वीं क्रॉस, पनाथुर अंडरपास, ग्रीन हूड, इबलुर जंक्शन, बालाजी लेआउट (कोथनूर), कृष्णा नगर (ए नारायणपुरा), सुनील लेआउट, हरालुर और बीएसपी ला यूट (कासवनहल्ली) से बाढ़ की सूचना मिली। दक्षिण बेंगलुरू में मादिवाला, कोरमंगला VI ब्लॉक और एजीपुरा के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए। बेलंदूर के पास एक अस्थायी बांध को जलभराव को कम करने के लिए अर्थमूवर का उपयोग करके साफ किया गया।

बीबीएमपी के मुख्य अभियंता प्रहलाद बीएस ने कहा कि 40 मिमी से 70 मिमी बारिश के लिए डिज़ाइन किए गए पुराने सिस्टम अब सामना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ हमें प्रति मिनट मिमी में वर्षा को मापना शुरू करना चाहिए। वहीं, दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार तय समय से पहले केरल पहुंच सकता है। पढ़ें…पूरी खबर