बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर टीएमसी और भाजपा आमने-सामने है। इसी बीच रविवार को भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पार्टी केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर बंगाल चुनाव आयोग के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में कोर्ट की अवमानना का मामला दायर करेगी, क्योंकि 48 घंटे के भीतर पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की मांग और तैनाती के लिए राज्य चुनाव आयोग ने कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया गया।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से जब मीडिया कर्मियों ने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस मामले का याचिकाकर्ता हूं। कल मैं कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष कोर्ट की अवमानना की एक नई याचिका दायर करूंगा, जिन्होंने यह आदेश दिया था।
8 जुलाई को नामांकन के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई थी हिंसा
चीफ जस्टिस टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को एक आदेश में एसईसी को उन सभी जिलों में आदेश का पालन करने का निर्देश दिया था, जो 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने को लेकर हिंसा से प्रभावित हुए थे। पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती को हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया था।
जानिए 13 को कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
भाजपा विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने अपने 13 जून के आदेश में कहा था कि संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश का पालन नहीं किया गया है और इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने में कुछ वक्त लग सकता है, कोर्ट ने कहा कि हमारा विचार है कि और अधिक इंतजार करने से हालात और खराब हो सकते हैं। चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष बनाए रखने में सहायता नहीं मिलेगी।
कोर्ट ने पिछले आदेश को लागू करने में विफल रहने के लिए राज्य चुनाव आयोग को अवमानना कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान SEC से कहा कि आप आदेश को अव्यवहारिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।