टेलीविजन पत्रकार रवीश कुमार ने कहा है कि आर्थिक तबाही राष्ट्र के साथ आम आदमी के जीवन में दस्तक दे चुकी है। छह साल से जो वह कह रहे हैं, वही अब सच हुआ है। GDP आंकड़े आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक देश के सामने नहीं आ सके।
ये बातें NDTV से जुड़े पत्रकार ने मंगलवार (एक सितंबर, 2020) को अपने एक Facebook पोस्ट में लिखीं। उन्होंने कहा, “इससे पहले कि आप अपनी नज़रों से गिरें, ज़रा नज़र उठा कर देख लें। भारत की जीडीपी -23.9 प्रतिशत हो गई है। आर्थिक तबाही राष्ट्र के साथ आपके जीवन में आ चुकी है। आपकी आंखों में हमेशा मिर्ची पड़ी रहे इसका इंतज़ाम चैनलों ने कर दिया है। छह साल से जो कह रहा हूं, वही सच साबित हुआ।”
बकौल रवीश, “जीडीपी के आंकड़े आने पर प्रधानमंत्री से लेकर वित्त मंत्री तक देश के सामने नहीं आ सके हैं। हाहाकारी ललकारी मीडिया के जरिए आपकी शाम में कवरेज के नाम पर झूठ परोसा जा रहा है। दो महीने से एक चीज़ का कवरेज है। पतन की निरंतरता जारी है। आपकी दो प्रकार की बर्बादी हो रही है। ज़िंदगी की और दूसरा ज़हन की। मुबारक हो।”
टीवी पत्रकार के इस पोस्ट पर मंगलवार रात 11 बजे तक करीब 27 हजार लोगों ने रिएक्ट किया था। लगभग तीन हजार लोगों ने इस पर कमेंट्स किए थे, जबकि इस पोस्ट को साढ़े तीन हजार से अधिक बार शेयर किया गया था। रवीश के इस पोस्ट को जहां लोगों ने सराहा और पसंद किया, वहीं कई लोगों ने इस पर उन्हें टोका भी और आलोचना भी की।
Bhupen Khobragade ने प्रतिक्रिया दी और लिखा, “20 लाख करोड़ का राहत पैकेज अगर किसी अंबानी की जेब में न जाकर वास्तव में धरातल पर होता तो GDP -23% न गिरी होती।” Sachin Agarwal ने कहा- बेहद खेद की बात है कि मोदी गिरी हुई GDP को सम्भालने के बजाए चीन से निपटने में लगे हैं क्योंकि चीन की GDP बड़ी हुई है। ईर्ष्या की हद है उस पर तौबा ये कि अमेरिका, UK, Australia सारे के सारे निकम्मे देश जिनकी GDP गिर गयी है मोदी का साथ दे रहे हैं। रवीश कुमार का दुःख कम क्यों नहीं होता है भगवान!
Rakesh Ghotia ने कहा- लॉक डाउन में जब सारे उद्योग बंद थे। कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, होटल व मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर तो जीडीपी कैसे बढ़ेगी महाराज? जब तक मोदी जी प्रधानमंत्री रहेंगे, आपकी क़ब्जी नहीं मिटेगी। कपालभाति करो व सकरात्मक विचार रखो!!
Aparna के अकाउंट से कहा गया, “यह पहली तिमाही के आंकड़े है, जब पूरा भारत बंद था, क्या बताना चाह रहे हैं, पूरे विश्व की हालत यही है, आपके आका के बनाये वायरस की वजह से, जिसे वाकई दोष देना हो उसका नाम लेने पर भड़क जाते है आप, जो इस साजिश का शिकार हो उसे दोष दे रहे हैं..??”