कोलकाता। माकपा महासचिव प्रकाश करात ने आज केंद्र के उस फैसले का समर्थन किया जिसके तहत वर्द्धमान विस्फोट मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि यह राज्य की शक्तियों में अतिक्रमण नहीं है जैसा पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार महसूस करती है।
करात ने कहा, ‘‘यह स्थानीय घटना नहीं है और राज्य और देश पर उसका गंभीर प्रभाव है। बाहरी संपर्क हैं।’’
वर्द्धमान विस्फोटों की जांच राज्य सीआईडी से लेकर एनआईए को सौंपे जाने पर ममता बनर्जी सरकार की आपत्तियों के बारे में पूछे जाने पर करात ने कहा, ‘‘मैं नहीं मानता कि यह राज्य की शक्तियों में अतिक्रमण है।’’
माकपा महासचिव ने कहा, ‘‘यह देश की सुरक्षा का सवाल है। इसका बाह्य आयाम है।’’
एनआईए को जांच सौंपने का फैसला करने के एक दिन बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘इन दिनों केंद्र सरकार राज्य के मामलों में लगातार और अनावश्यक हस्तक्षेप करती है, जिसकी हमारे संविधान में अपेक्षा नहीं की जाती है।’’
केंद्र ने नौ अक्तूबर को पश्चिम बंगाल में वर्द्धमान विस्फोट मामले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला किया था। उस फैसले के बारे में पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि वह स्वत: संज्ञान लेकर किया गया था। उस विस्फोट मामले में आतंकवादी समूहों की भूमिका संदिग्ध है।
वर्द्धमान जिले के खगरागढ़ में विस्फोट दो अक्तूबर को हुआ था और शुरूआत में राज्य सीआईडी उसकी जांच कर रही थी।
एनआईए का मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के बाद एनआईए का गठन किए जाने के बाद पहली बार संभवत: देश के किसी हिस्से में बम विस्फोट मामले की जांच केंद्र ने स्वत: संज्ञान लेकर एनआईए को सौंपने का फैसला किया है।