Bank Strike Today: बैंककर्मियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। हड़ताल की वजह से सामान्य बैंकिंग कामकाज पर खासा असर पड़ा है। पहले दिन देशभर के बैंकों में कामकाज प्रभावित रहा। इस दौरान करोड़ों के कारोबार के नुकसान का दावा किय जा रहा है।
बता दें कि बैंक कर्मचारी नवंबर 2017 से ही वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे। उनकी मांग को देखते हुए अभी तक 12.25% वृद्धि की पेशकश की गई लेकिन यूनियंस इस पर राजी नहीं हुई।
बैंक कर्मचारियों ने मांग की है, “वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए। कार्यदिवस पांच दिन का हो। बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो। पेंशन को अपडेट किया जाए। साथ ही परिवार को मिलने वाले पेंशन में सुधार हो।”
इसके साथ ही कर्मचारियों ने यह भी मांग की है कि रिटायरमेंट पर मिलने वाले लाभ पर इनकम टैक्स न लगे। बैंक की शाखाओं में काम के घंटे और ब्रेक के समय को सही से निर्धारित किया जाए। अधिकारियों के काम के घंटे भी नियमित हों। कांट्रैक्ट औऱ बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट को भी समान वेतन मिले।
कर्मचारियों ने यह भी मांग की है कि रिटायरमेंट पर मिलने वाले लाभ पर इनकम टैक्स न लगे। बैंक की शाखाओं में काम के घंटे और ब्रेक के समय को सही से निर्धारित किया जाए। अधिकारियों के काम के घंटे भी नियमित हों। कांट्रैक्ट औऱ बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट को भी समान वेतन मिले।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस, जो कि 9 बैंक यूनियंस का संगठन है, जिसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक इम्पलोयी एसोसिएशन (AIBEA) और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स जैसी यूनियंस शामिल हैं।
देशभर में बैंक यूनियन सैलरी में बढ़ोत्तरी, काम के घंटे तय करने, पेंशन अपडेट करने जैसे लाभ की मांग कर रहे हैं। बैंककर्मियों की मांग है कि उनकी सैलरी में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जाए।
बैंक यूनियन के नेताओं के अनुसार, हड़ताल के चलते 31 लाख चेक क्लीयर नहीं हो पाए। जिससे करीब 23 हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की आशंका जतायी गई है। कई सरकारी बैंक और एटीएम तीन दिनों के लिए बंद हैं, क्योंकि 2 दिन की हड़ताल के बाद रविवार पड़ रहा है।
बैंकों की हड़ताल के चलते एटीएम में भी नगदी की समस्या हो गई है। कई एटीएम ठप्प पड़े हैं। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पूरे देश में सरकारी बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। बैंकों के मुख्य द्वार पर ताला लटका है। ऐसे में करोड़ों का कारोबार प्रभावित होने की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में वेतन समझौता शीघ्र किए जाने, बैंकों में 5 दिन का सप्ताह किए जाने, विशेष भत्ते को मूल वेतन में जोड़ने, पेंशन में सुधार किए जाने, पारिवारिक पेंशन में इजाफा करने, सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले समूचे परिलाभों पर आयकर से छूट दिए जाने, लीव बैंक का गठन करने तथा अधिकारियों के लिए काम के घंटे नियत करना आदि शामिल है।
राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल के समर्थन में राजस्थान के सरकारी बैंकों के यूनियन नेताओं ने दावा किया कि विभिन्न मांगों को लेकर राज्य के करीब 30,000 कर्मचारी और अधिकारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। इससे करीब 10 हजार करोड़ रुपए का बैंकिंग लेन-देन प्रभावित हुआ। करीब 4000 शाखाओं में ताला लगा रहा। भारतीय बैंक संघ के साथ वेतन समझौता वार्ता असफल होने के बाद जयपुर सहित राजस्थान के बैंक र्किमयों ने हड़ताल का बिगुल फूकते हुए काम बंद किया।
वेतन संशोधन को लेकर प्रबंधन के साथ बातचीत में सहमति नहीं बनने के बाद बैंक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआईक) सहित विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि हड़ताल से उनका सामान्य बैंकिंग परिचालन प्रभावित होगा।
एक तरफ बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं तो दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का शुद्ध लाभ वर्ष 2019 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एक साल पहले की इसी अवधि से 41 प्रतिशत बढ़कर 6,797.25 करोड़ रुपये हो गया। इसकी बड़ी वजह बैंक के फंसे कर्जों के लिए नुकसान का प्रावधान का होना है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। शहर के कई इलाकों में बैंककर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं अयोध्या में भी बैंक कर्मियों की हड़ताल का असर देखने को मिला और यहां भी काम-काज ठप रहा।
तेलंगाना में बैंकों में हड़ताल के कारण कामकाज ठप रहा। दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन यहां सार्वजनिक बैंकों के अधिकारियों समेत 60,000 कर्मचारी कार्य से विरत रहे। कई यूनियनों ने वेतन की समीक्षा संबंधित कई मांगों के संबंध में हड़ताल आहूत की थी। अखिल भारतीय कर्मचारी संगठन (एआईबीईए) के राष्ट्रीय सचिव बी एस रामबाबू ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ कुछ निजी बैंकों को छोड़कर, ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक समेत तेलंगाना में सभी बैंको के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया।’’
हड़ताल के पहले दिन मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं। मध्यप्रदेश बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन (एमपीबीईए) के सचिव एमके शुक्ला ने बताया, "हड़ताल के कारण सूबे में सरकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के पुराने वाणिज्यिक बैंकों और अन्य क्षेत्रों के बैंकों की कुल 7,428 शाखाओं में से लगभग 7,000 शाखाओं में काम ठप है।"
वेतन संशोधन को लेकर प्रबंधन के साथ बातचीत में सहमति नहीं बनने के बाद बैंक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआईक) सहित विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि हड़ताल से उनका सामान्य बैंकिंग परिचालन प्रभावित होगा।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस इस ने हड़ताल का आह्वान किया है। इसमें अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ और NOBW सहित 9 यूनियनें शामिल हैं। अगर बैंककर्मियों की मांगों को नहीं माना गया तो फिर मार्च में एकबार फिर बैंक हड़ताल की जाएगी।
दो दिनों की बैंक हड़ताल के बाद साप्ताहिक अवकाश भी पड़ रहा है। लिहाजा इससे बैंकिंग इंडस्ट्री को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
पूरे देश में सरकारी बैंक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए हैं। बैंकों के मुख्य द्वार पर ताला लटका है। ऐसे में करोड़ों का कारोबार प्रभावित होने की उम्मीद जताई जा रही है।
कर्मचारियों ने यह भी मांग की है कि रिटायरमेंट पर मिलने वाले लाभ पर इनकम टैक्स न लगे। बैंक की शाखाओं में काम के घंटे और ब्रेक के समय को सही से निर्धारित किया जाए। अधिकारियों के काम के घंटे भी नियमित हों। कांट्रैक्ट औऱ बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट को भी समान वेतन मिले।
बैंक कर्मचारियों ने मांग की है, "वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए। कार्यदिवस पांच दिन का हो। बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो। पेंशन को अपडेट किया जाए। साथ ही परिवार को मिलने वाले पेंशन में सुधार हो।"
मौजूदा हड़ताल के बाद एकबार फिर से बातचीत की कोशिश की जाएगी। अगर फिर भी बातचीत नहीं बन पाती है तो कर्मचारी मार्च में 11,12 और 13 को 3 दिन की हड़ताल पर जा सकते हैं। और उसके बाद भी बात नहीं बनती हो तो 1 अप्रैल 2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी गई है।
बैंक कर्मचारी नवंबर 2017 से वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अभी तक 12.25% वेतन वृद्धि की पेशकश की गई जिसपर यूनियंस सहमत नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी 31 जनवरी और 1 फरवरी को 2 दिन की हड़ताल पर रहेंगे।
दिसंबर माह में डिजिटल लेन-देन के मामले में सिर्फ दो सरकारी बैंकों बैंक ऑफ महाराष्ट्र और भारतीय स्टेट बैंक ने ही अच्छा प्रदर्शन किया। इनका स्कोर क्रमश: 77 और 68 रहा। सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय डिजिटल लेन-देन के प्रतिशत, प्रणाली की दक्षता, तकनीकी कारणों से यूपीआई लेन-देन नहीं हो पाने के प्रतिशत समेत विभिन्न पैमानों पर बैंकों का स्कोर तय करता है। बैंकों का प्रदर्शन मासिक आधार पर आंका जाता है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में चार हजार करोड़ डिजिटल लेन-देन का लक्ष्य तय किया है।
यूएफबीयू ने एक परिपत्र में आरोप लगाया है कि आईबीए वेतन संशोधन की उनकी मांग पर सख्त रवैया अपना रहा है। एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि यूएफबीयू की 13 जनवरी को मुंबई में हुई बैठक में हम इस नतीजे पर पहुंचे थे कि हमें अपनी मांगों के समर्थन में अपने आंदोलन को तेज करना होगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंककर्मियों का वेतन संशोधन नवंबर, 2017 से लंबित है। एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ हमारी मांगों को लेकर आज हुई बैठक विफल रही है। ऐसे में हम शुक्रवार से दो दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने हड़ताल का आह्वान किया है। इसमें आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) सहित नौ बैंक यूनियनें शामिल हैं। एआईबीओसी के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि इससे पहले मुख्य श्रमायुक्त के साथ बैठक बेनतीजा रही थी।
सरकारी बैंकों की हड़ताल ऐसे समय हो रही है जबकि शुक्रवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है। शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया जाना है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआईक) सहित विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया है कि हड़ताल से उनका सामान्य बैंकिंग परिचालन प्रभावित हो सकता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो सकता है। वेतन संशोधन को लेकर प्रबंधन के साथ बातचीत में सहमति नहीं बनने के बाद बैंक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है।
31 जनवरी से 1 फरवरी, 2020 के बीच बैंक बंद रहेंगे। इसके अगले दिन रविवार है, इसलिए बैंक लगातार तीन दिन बंद रहेंगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि बैंक यूनियनों ने दो दिवसीय हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। आगे दो फरवरी को रविवार होने के चलते बैंक बंद रहेंगे। विभिन्न मांगों को लेकर वे इसके बाद तीन और दिन भी हड़ताल पर रहेंगे, जिसमें 11 से 13 मार्च के बीच का समयकाल है। माना जा रहा है कि यूनिय इसके बाद एक अप्रैल, 2020 से अनिश्चित हड़ताल पर भी जा सकते हैं।