Baba Siddique Murder Case: महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा भूचाल आया, जब तीन बार के पूर्व विधायक और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की सरेआम गोली मारकर से हत्या कर दी गई। इस हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली। दूसरी ओर बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के चलते महाराष्ट्र की सियासत में सत्तादारी महायुति सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है। विपक्षी दलों से लेकर महायुति सरकार में शामिल अजित पवार गुट की एनसीपी के नेता भी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निशाने पर ले रहे हैं।

महाराष्ट्र में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, और उसके ठीक पहले हुए बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के चलते देवेंद्र फडणवीस पर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि राज्य का गृह मंत्रालय और कानून व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी, फडणवीस के हाथ में ही है जिसके चलते विपक्ष तो छोड़िए सत्ताधारी गठबंधन के सहयोगी भी उन्हें निशाने पर ले रहे हैं।

एनसीपी ने बताय गृहमंत्रालय की विफलता

एनसीपी एमएलसी और पार्टी के प्रवक्ता अमूल मिटकरी ने बाबा सिद्दीकी की हत्या को गृह विभाग और मुंबई पुलिस की असफलता बताया। ध्यान देने वाली बात है कि अमूल मिटकरी के नेता अजीत पवार देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार में शामिल हैं। मिटकरी ने यह भी कहा कि अगर मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की जान के खतरे को गंभीरता से लिया होता तो यह हत्या होती ही नहीं। उन्होंने कहा कि अजित पवार ने बाबा सिद्दीकी के रूप में एक विश्वासपात्र नेता को खो दिया है।

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पहले भी निशाने पर रहे हैं देवेंद्र फडणवीस

ध्यान देने वाली बात यह है कि यह पहली बार नहीं है कि एनसीपी और बीजेपी के बीच मतभेद सामने आए हैं पिछले महीने देवेंद्र फडणवीस ने एक मीडिया कॉन्क्लेव में कहा था कि लोकसभा चुनाव में सत्ता में काबिज महायुति के खराब प्रदर्शन का कारण एनसीपी का वोट ट्रांसफर ना होना था। अजीत पवार को लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के चलते लगातार महायुति के अंदर ही निशाने पर लिया जा रहा था।

शिवसेना ने भी मांगा फडणवीस का इस्तीफा

महायुति सरकार में शामिल एनसीपी द्वारा देवेंद्र फडणवीस को निशाने पर लिया जा रहा है तो दूसरी ओर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नेता संजय रावत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मांग की कि फडणवीस का इस्तीफा लिया जाए। एनसीपी के एक दिग्गज नेता ने ही यह भी कहा कि यह महाराष्ट्र के लिए एक खतरनाक स्थिति है इसलिए देवेंद्र फडणवीस को गृहमंत्री के तौर पर अपना इस्तीफा देना ही चाहिए।

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कांग्रेस बोली- ध्वस्त है कानून व्यवस्था

इसके अलावा महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने भी राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर सीधे गृहमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि सरकार और कानून व्यवस्था को जब भी चुनौती दी जाती है, तो कोई ना कोई कहानी सुना दी जाती है , मुंबई पुणे नागपुर और राज्य के उन हिस्सों में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।

कई मौकों पर बढ़ीं फडणवीस की मुश्किलें

बता दें कि पिछले डेढ़ साल में कानून व्यवस्था के मोर्चे पर देवेंद्र फडणवीस की क्षमता को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। बता दें कि पिछले साल पुलिस ने जालना जिले के अंतरवाली सारथी गांव में कार्यकर्ता मनोज जरंगे पाटिल के नेतृत्व में मराठा आरक्षण के प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया था, जिसके बाद से ही गठबंधन से फडणवीस की पकड़ कमजोर दिखने लगी थी। उसी समय फडणवीस को न केवल विपक्षी गठबंधन बल्कि सहयोगियों से भी सवालों का सामना करना पड़ा था।

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एनसीपी नेता और कैबिनेट सहयोगी छगन भुजबल अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से देवेंद्र फडणवीस का बचाव किया था। फरवरी में गृह मंत्रालय को फिर से सवालों का सामना तब करना पड़ा था, जब कल्याण में बीजेपी के विधायक गणपत गायकवाड ने जमीन विवाद को लेकर पुलिस स्टेशन के अंदर शिवसेना कार्यकर्ता महेश गायकवाड को गोली मार दी थी। इसके बाद तब भी सवाल खड़े हुए थे जब अप्रैल में बाइक सवार दो लोगों ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर पर दो राउंड फायरिंग हुई थी।

फायरिंग करने वाले लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य थे। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ही बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है जिसके चलते एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस विपक्ष ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के सहयोगियों द्वारा भी निशाने पर हैं।