उत्तर प्रदेश के अयोध्या के एक धार्मिक नेता ने केंद्र सरकार पर नए नागरिकता कानून को लागू करने और एनआरसी को प्रस्तावित कर नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। अयोध्या के अखिल भारतीय श्री पंच रामानंदी निर्वाणी अखाड़े के महंत ज्ञानदासजी महाराज ने मीडियाकर्मियों को बताया कि गरीब सभी दस्तावेज (अपनी नागरिकता साबित करने के लिए) नहीं दिखा सकता है। अपने दस्तावेजों को 20 वर्ष से अधिक समय तक कैसे रखेगें। सरकार गरीब से कैसे उम्मीद कर सकती है कि वह अपनी नागरिकता साबित करने के लिए सभी दस्तावेजों को दिखा सकेगें। लेकिन सभी गरीब भारतीय नागरिक हैं। बता दें कि कोलकता के दक्षिण 24 परगना जिले में धार्मिक नेता गंगासागर मेले में भाग लेने के लिए पहुंचे थे।

“केंद्र सरकार नफरत फैला रही है”: ज्ञानदासजी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बहादुरी और ईमानदारी के लिए प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि हम संत हैं। हमारा कोई धर्म नहीं, कोई जाति नहीं है। हम सब मेहमान है और मुसलमान भी, तो केंद्र सरकार ने मुसलमानों को दूसरों से अलग क्यों किया है। वे (केंद्र सरकार) पूरे देश में नफरत फैला रही हैं। अगर वे (सीएए में) मुसलमानों को शामिल करते, तो कुछ नहीं होता।

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“केंद्र सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है”: ममता बनर्जी पर उन्होंने कहा कि वह बहुत ईमानदार हैं। उनकी आत्मा शुद्ध है। उनके पास लड़ने की हिम्मत है, और वह हमेशा सच्चाई के पक्ष में खड़ी रही है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार ने 2016 में 500 और हजार के नोट को बंद कर दिया तो बनर्जी ने इसकी आलोचना की थी। इस नोटबंदी से किसी को भी कोई फायदा नहीं हुआ। क्या इस कदम से आतंकवाद खत्म हो गया है? या फिर महंगाई को काबू में किया गया? वे (केंद्र सरकार) मूल रूप से लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। यह लंबे समय तक नहीं चलेगा।

सीएए का पालन एनआरसी द्वारा किया जाएगा: हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा, लेकिन बंगाली में छपी एक भाजपा बुकलेट में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का पालन एनआरसी द्वारा किया जाएगा।