प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद राम जन्मभूमि मंदिर में उमड़ने वाली संभावित भीड़ को लेकर राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, जिला प्रशासन अयोध्या और रेल मंत्रालय की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने और दर्शन कराने और अपनी गंतव्य तक वापस पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक के बाद राम मंदिर निर्माण प्रभारी नृपेंद्र मिश्र ने बताया है कि अस्थायी मंदिर में विराजमान राम लला 21 जनवरी को नए मंदिर में पहुंच जाएंगे। इस दिन भक्तों को दर्शन नहीं मिल पाएगा।

सोने के सिंहासन पर रामलला को पंचकोसी परिक्रमा कराया जाएगा

अचल मूर्ति को सोने के सिंहासन पर कमल के आसन पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। इसके ठीक सामने रोजाना दोनों मूर्तियों की पूजा होगी। रामलला पंचकोसी परिक्रमा करेंगे। प्रमुख मंदिरों के दर्शन भी करेंगे। विभिन्न नदियों के जल से स्रान कराया जाएगा। स्रान सरजू तट पर भी होगा या मंदिर में भी होगा, यह अभी निश्चित किया जाना है।

पीएम मोदी ने पूजा के सभी अनुशासन पूरी तरह मानने को कहा है

नृपेंद्र मिश्र ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्पष्ट तौर पर बताया है कि पूजा नियम के जो भी अनुशासन हैं, उन्हें वे शत प्रतिशत मानेंगे। यदि उन्हें व्रत रहने को कहा जाएगा तो व्रत भी रखेंगे। मिश्र ने बताया कि पांच मंडप हैं। मंदिर में तीन मंडपों में साधु संतों के बैठने की व्यवस्था होगी। दो में कुर्सी लगाई जाएगी।

धूप और बारिश से बचाने के लिए कैनोपी लगाने का काम हुआ पूरा

परकोटा के प्रवेश द्वार पर खाली स्थान पर करीब 7000 कुर्सियां लगाई जानी हैं। पूजन के बाद प्रधानमंत्री जैसे ही बाहर निकलेंगे, वे अपने अतिथियों से रूबरू होंगे। मिश्र ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अब सभी निर्माण कार्य रात में किए जाएंगे। 15 जनवरी तक जन्मभूमि का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से बचाने के लिए जन्मभूमि पथ पर कैनोपी लगाने का काम पूरा हो चुका है।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद तीन से पांच लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

मंदिर में प्रवेश के पहले श्रद्धालु पड़ताल केंद्र से होकर यात्री सुविधा केंद्र जाएंगे। उसके बाद एक और जांच बिंदु से गुजरना होगा।आखिरी सुरक्षा द्वार के बाद परकोटे में श्रद्धालु प्रवेश करेंगे। वहां से ही सिंह द्वारा होते हुए गुड्डी मंडप में प्रवेश करेंगे, जहां रामलला के दर्शन होंगे। अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद तीन से पांच लाख श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए आने का अनुमान लगाया जा रहा है। लिहाजा दर्शन की अवधि भी बढ़ाई जा सकती है। इसके बाबत तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ वार्ता चल रही है।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि हम अयोध्या में आने वाले सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों को ऐसी सुविधा और व्यवस्था देना चाहते हैं कि वे महसूस करें कि वे अयोध्या में हैं। जिलाधिकारी नीतीश कुमार का यह भी कहना था कि अयोध्या के चारों तरफ जोड़ने वाले हाईवे फोरलेन बना दिए गए हैं। और अंबेडकर नगर की तरफ जाने वाला फोर लेन जनवरी के अंत तक पूरा बन जाएगा।

अयोध्या में हवाई अड्डा मात्र 2 साल में बनकर तैयार हो गया है। वही हाल रेलवे स्टेशन अयोध्या धाम की भी है। अभी तमाम काम प्रथम चरण के पूरे कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के सभी स्थलों को विकसित किया जाएगा। रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।

अयोध्या जनपद में मेडिकल कालेज, श्री राम चिकित्सालय अयोध्या धाम, देहातों में भी कुमारगंज देवगांव गोसाईगंज रुदौली में भी चिकित्सालय को दुरुस्त किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अयोध्या धाम के 37 मंदिरों को उनकी विरासत के अनुसार विकसित किया जा रहा है। अफीम कोठी को अब साकेत सदन के रूप में जाना जा रहा है। चौक के चार द्वारों को भी नवीनीकृत किया जा रहा है।