अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन का आयोजन पांच अगस्त को होना है। ऐसे में सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। राम मंदिर निर्माण को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट किया जिसके बाद ट्विटर यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे। कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी यही इच्छी थी कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बने। इस पर यूजर्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया।
दिग्विजय सिंह ट्वीट करते हुए लिखा, ” हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें। स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे।” उन्होंने दूसरे ट्वीट में भूमि पूजन के आयोजन के समय पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है, रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।
उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल करने लगे।@HitmanSharma12r ने लिखा है ,तुम वही हो चच्चा जान जो राम को काल्पनिक बताते थे और राम सेतु को खत्म करना चाहते थे आज उसी का अंजाम भुगत रहे हो भगवान राम ने चाहा तो कांग्रेस पार्टी का सर्वनाश होगा । @5pD3d1ld7fBKA3f ने लिखा है,
अरे चिचा कितने बड़े दोगले हो तुम सारा देश जानता है अभी भी बहुत से वीडियो पड़े है जिसमे तुम लोग साफ मना कर रहे हो राम मंदिर बनाने के लिए ओर संसद,कोर्ट में राम को काल्पनिक बताया था उसके बारे में कुछ बोलो सही मायने में तुम ओर तुम्हारी पार्टी हिन्दू बिरोधी हो।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब राम मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े किए हैं। इससे पहले दिग्विजय सिंह ने राममंदिर के मुख्य पुजारी समेत 14 लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि अब बताओ मुहूर्त सही है या गलत? अब बताओ शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वतीजी सही हैं या गलत? इससे पहले स्वरूपानंद ने 5 अगस्त को कोई मुहूर्त नहीं होने पर सवाल खड़े किए थे।