अनामिका सिंह
अयोध्या मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही दिल्ली के झंडा व्यापारियों के चेहरे चमक गए हैं। आखिर उन्हें देशभर से बड़ी संख्या में उनके उत्पाद का आदेश जो प्राप्त हो रहा है। हाल यह है कि बढ़ती मांग के चलते झंडा व्यापारियों ने अपने यहां कारीगरों की संख्या को बढ़ा दिया है। झंडा व्यापारियों ने बताया कि सबसे अधिक मांग राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, बिहार से आ रही है। रोजाना करीब दस-बारह लाख की संख्या में झंडे तैयार किए जा रहे हैं और इतने ही मांग भी रोज आ रही है।
प्लास्टिक की झंडियां, बिल्ले, झालर, कैप, पटके, गर्म मफलर की मांग बढ़ी
सदर बाजार में राजनीतिक पार्टियों के लिए झंडा बनाने वाले थोक व्यापारी गुलशन खुराना ने बताया कि रामलला के आगमन से पहले ही शुभ काम होने लगे हैं। झंडे के साथ ही अन्य उत्पादों जैसे प्लास्टिक की झंडियां, बिल्ले, झालर, टोपी, कैप, पटके, गर्म मफलर व मंदिरों में सजाने के लिए पोस्टर की मांग काफी अधिक है।
समय पर आर्डर पूरा करने के लिए कई जगह से करवाना पड़ रहा काम
मांग अधिक होने व समय पर आर्डर पूरा करने के लिए हम तकरीबन 20 जगहों से अपना काम करवा रहे हैं। अगर बाहर से काम नहीं करवाएंगे तो समय पर आर्डर को पूरा कर पाना मुश्किल भी हो सकता है। सदर बाजार झंडे व चुनावी सामान बनाने वाला सबसे बड़ा देश का थोक बाजार है, इसलिए हमें पहले से पता था कि बड़ी संख्या में आर्डर मिलेंगे।
जिसकी तैयारियां हमने पहले से ही शुरू कर दी थीं। लेकिन सर्दी बढ़ने की वजह से लोग अब भगवा रंग के ऊनी मफलर की मांग भी कर रहे हैं और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। इस समय थोक दामों में सदर बाजार में जय श्रीराम की झंडियां 500 रुपए बंडल है 100 मीटर का। जबकि झंडे का दाम प्रति पीस 20-50 रुपए तक उसके आकार के अनुसार है। गले का पटका 8-10 रुपए, ऊनी पटका या मफलर 20-100 रुपए प्रति पीस, टोपी 3-10 रुपए, बिल्ले 50 पैसे से डेढ़ रुपए, स्टीकर तीन रुपए। वहीं जय श्रीराम की झालर 500 रुपए का बंडल 500 पीस का है।
