अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में आज श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई। देश -विदेश में लाखों रामभक्त इसके साक्षी बने । प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सेना के हेलीकॉप्टरों ने नवनिर्मित रामजन्मभूमि मंदिर पर पुष्प वर्षा की। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित अनुष्ठान किए। दोपहर में साढ़े बारह बजे (12.29) बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गयी।

पीएम मोदी ने समारोह के बाद सभा को भी संबोधित किया। जिसके बाद वह कुबेर टीला गए। जहां उन्होंने राम मंदिर के निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान श्रमजीवियों पर पुष्प वर्षा भी की। इस दौरान अयोध्या में राम मंदिर परिसर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सेना के हेलीकॉप्टरों ने मंदिर परिसर और सड़क के अन्य हिस्सों में पुष्प वर्षा की।

अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्री राम’ के उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का यह सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और यह एक नए कालचक्र का उद्गम है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी।’’

आज कमी पूरी हुई- पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है। उन्होंने कहा, ‘‘ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है। आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं, हमारे पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी, हमारी तपस्या में कुछ कमी रही होगी कि हम इतने सदियों तक मंदिर निर्माण नहीं कर पाए। आज वह कमी पूरी हुई।”

पीएम मोदी ने कहा कि भगवान राम देश के संविधान की पहली प्रति में निवास करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी भगवान राम के अस्तित्व को लेकर दशकों तक कानूनी लड़ाई लड़ी गई। मैं न्यायपालिका को धन्यवाद देना चाहूंगा जिसने न्याय दिया और भगवान राम का मंदिर कानूनी तरीके से बनाया गया।’’ उन्होंने कहा कि ये मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है बल्कि राममंदिर भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। उन्होंने कहा, ‘‘ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है।