अयोध्या विवाद पर शुक्रवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही और इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने आरोप लगाया कि ट्विटर पर मध्यस्थता की सूचनाएं लीक हुईं हैं। मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने कोर्ट के सामने दलीलें पेश करते हुए कहा कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया के दौरान जो भी बातचीत हुई उसके कुछ अंश ट्वीटर पर लीक किए गए हैं। इसके साथ ही मध्यस्थता की गोपनीयता की शर्त का उल्लंघन किया गया है।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा सबूतों और विभिन्न पक्षों की राय को लीक किया गया है। हिंदू पक्ष ने भी मध्यस्थता की बातों को मीडिया के सामने रखा। मुस्लिम पक्ष की इन दलीलों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने आदेश जारी कर कहा कि अब शनिवार के दिन इस मामले की सुनवाई नहीं होगी। सीजेआई ने कहा कि अब 14 अक्टूबर के दिन कोर्ट मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनेगा।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में रोजाना इस मामले की सुनवाई चल रही है और शुक्रवार को यानि कि 37वें दिन भी सुनवाई जारी रही। कोर्ट ने सभी पक्षकारों से इस मामले पर 18 अक्टूबर तक दलीलें पेश करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा है कि तय तारीख तक दलीलें पेश करें जिससे जजों को फैसला लिखने में 1 महीने का समय मिल सके।

बता दें कि कि गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान वैद्यनाथन ने कोर्ट से कहा था कि अयोध्या में ध्वस्त की गयी बाबरी मस्जिद के नीचे ‘विशाल संरचना’ की मौजूदगी के बारे में ‘साक्ष्य संदेह से परे’ हैं और वहां खुदाई से निकले अवशेषों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वहां मंदिर था।

रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्षकारों की यह दलील सही नहीं है कि विवादित ढांचे के नीचे बना ढांचा ईदगाह की दीवार या इस्लामिक संरचना है। मालूम हो कि संविधान पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है।