BJP नेता राम माधव मंगलवार (12 नवंबर, 2019) को कोठारी बंधुओं के घर पहुंचे, जहां उन्होंने दोनों कारसेवकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए उन दोनों के त्याग को अब जवाब मिल गया है। बता दें कि ये वही दोनों भाई थे, जिन्होंने अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद के ढांचे पर भगवा फहरा दिया था।

माधव इस दौरे के बारे में Facebook पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “1990 में कार्तिक पूर्णिमा पर 16 कारसेवक अयोध्या में मुलायम सिंह यादव (तत्कालीन CM) द्वारा बर्बर पुलिस फायरिंग में शहीद हो गए थे। राम और शरद कोठारी भी इनमें थे। ये कोठारी बंधु कोलकाता से थे, जो कि तब 20 से 22 साल के बीच के थे।”

BJP नेता के मुताबिक, “इनकी शहादत ने कई को प्रेरित किया, जिसमें उनके अभिभावक और बहनें भी हैं और वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए प्रयासों में जुटे हैं। इन बंधुओं के परिजन ने 1991 और 1992 में अयोध्या में दो बार कारसेवा में हिस्सा लिया था। उन्होंने अंतिम सांस तक संघ परिवार से संबंधित संगठनों के लिए भी सक्रियता से काम किया, ताकि उनके दोनों बेटों का त्याग बेकार न जाए।”

बकौल माधव, “कोठारी बंधुओं के परिजन आज नहीं है, पर बाकी लोगों के साथ उनके त्याग को आज जवाब मिल गया है। राम मंदिर अब हकीकत में होगा। उनके परिवार में अब सिर्फ बहन ही बची है, जिसका नाम पूर्णिमा कोठारी है और मंदिर के लिए फिर से कारसेवा की हरसत रखे है।”

उन्होंने अंत में लिखा, “आज ही के दिन कोठारी बंधु शहीद हुए थे। मैं इसलिए कोलकाता (प.बंगाल) पहुंचा और उनके घर जाकर मैंने उन युवा शहीदों को श्रद्धांजलि दी।”

क्या हुआ था तब?: जानकारी के मुताबिक, कोठारी बंधुओं के साथ तब दोस्त राजेश अग्रवाल भी थे। पुलिस की चेतावनी के बाद भी 30 अक्टूबर की दोपहर इन्हीं बंधुओं के नेतृत्व में एक जत्था बाबरी के विवादित स्थल के पास जा पहुंचा था। इन सबने बाबरी पर भगवा ध्वज लहराने का फैसला किया था। अग्रवाल ने इस बारे में एक अंग्रेजी न्यूज साइट को बताया था, “राम मस्जिद के ऊपरी हिस्से पर भगवा ले चढ़ गए थे, जबकि मैं शरद के साथ उनके पीछे था।” और, यह घटना तब हुई, जब सीएम ने कहा था- वहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता है।