अयोध्या में इस बार दीपोत्सव पर 51 घाटों पर रिकॉर्ड 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। शनिवार को सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में यह दीपोत्सव सातवीं बार आयोजित हो रहा है। सरयू नदी विश्व के एकमात्र सबसे बड़े दीप और आस्था के अद्भुत दृश्य का साक्षी बनने जा रही है। दीपों की बढ़ती संख्या गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हर साल नया कीर्तिमान बन जाती है। इस बार भी शुक्रवार को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम अयोध्या के सरयू तट के सभी 51 घाटों पर जाकर दीयों की गिनती की। इस दौरान टीम के साथ उनके सुपरवाइजर भी मौजूद रहे। दीपोत्सव कार्यक्रम का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शाम सात बजे शुभारंभ करेंगे।
2017 में सत्ता में आने के बाद से सीएम योगी ने यह काम शुरू कराया
2017 में जब योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए थे, तब से उन्होंने हर साल अधिकतम संख्या में दीपों को जलाने के लिए एक रिकॉर्ड सेट कर दिया था। अयोध्या विश्व भर में इकलौता ऐसा शहर है, जहां इतनी संख्या में दीप जलाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार 9 से 11 नवंबर तक अयोध्या में सातवें दीपोत्सव की मेजबानी करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को ”जनवरी में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन से पहले का पूर्वाभ्यास” बताया है।
25 हजार वालंटियर्स, 12 सरकारी विभाग और प्रशासन का सामूहिक प्रयास
यह आयोजन लगभग 25,000 स्वयंसेवकों की मदद से 12 सरकारी विभागों और जिला प्रशासन का सामूहिक प्रयास होगा। यह उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक मौका होगा। इसके बाद विभिन्न तरह के समारोह आयोजित किए जाएंगे और यह सब “देश की सबसे बड़ी” डिजिटल स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, स्वयंसेवकों को हाल ही में दीये जलाने के तरीके के बारे में शिक्षित किया गया था। ये स्वयंसेवक विभिन्न संगठनों से आते हैं, जिनमें अयोध्या और आसपास के क्षेत्रों के 27 संस्थान और 19 इंटरमीडिएट कॉलेज शामिल हैं। ये दीये जलाने के लिए नोडल बॉडी राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से जुड़े हैं।
वार्षिक आयोजन पिछले छह वर्षों से हो रहा है। पिछले वर्ष 2022 में अयोध्या के घाटों पर 15 लाख दीये जलाए गए थे। इस वर्ष स्वयंसेवकों ने 8 नवंबर को विभिन्न घाटों पर दीये रखना शुरू किए। इस प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित करने और गिनने में आसान बनाने के लिए घाटों के पूरे क्षेत्र को 12,500 ब्लॉकों में बांटकर हर ब्लॉक में 196 दीयों के समूह को रखा गया है।