अयोध्या में 22 जनवरी यानी सोमवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है। इसके मद्देनजर पूरी नगरी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। साथ ही देश और विदेश के 7000 विशिष्ट अतिथियों को इस कार्यक्रम के लिए न्योता दिया गया है।
छावनी में तब्दील अयोध्या
कार्यक्रम के मद्देनजर पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा तो बढ़ाई ही गई है लेकिन अयोध्या को पूरी छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था ब्लैककैट कमांडोज, बख्तरबंद गाड़ियां और ड्रोनों की मदद से हो रही है। सरयू नदी में एनडीआरएफ की टीम को भी तैनात कर दिया गया है। यानी पूरी अयोध्या को अभेद किला बना दिया गया है।
17 आईपीएस की तैनाती
अयोध्या के हर एक चौराहे पर पुलिस और कमांडो लगे हुए हैं और बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कुछ इलाकों में तो अयोध्या के लोगों का भी आईडी कार्ड चेक किया जा रहा है। यूपी पुलिस के तीन डीआईजी को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। वहीं 17 आईपीएस, 100 पीपीएस, 325 इंस्पेक्टर, 800 सब इंस्पेक्टर और 1000 से अधिक कांस्टेबलों की तैनाती अयोध्या में की गई है।
अयोध्या को रेड और यलो जोन में बांटा गया है। रेड जोन में पीएसी की तीन बटालियन की तैनाती की गई है तो वहीं येलो जोन में 7 बटालियन की तैनाती की गई है। केवल पुलिस से नहीं बल्कि निजी सुरक्षा एजेंसियों को भी अयोध्या की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है।
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निजी सुरक्षा एजेंसियों की भी तैनाती
लोकप्रिय सिक्योरिटी एजेंसी एसआईएस भी अयोध्या में काम कर रही है। एसआईएस के डायरेक्टर ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि उनकी टीम ने ऐसी तकनीक विकसित की है कि अगर मंदिर परिसर में कोई हिस्ट्रीसीटर आता है तो कुछ सेकंड में ही कैमरे से उसकी पहचान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने ऐसी तकनीक विकसित की है कि अपराधियों का एक डाटा तैयार किया गया है और टेक्नोलॉजी के साथ उसे जोड़ा गया है। जैसे ही मंदिर परिसर के पास कोई भी अपराधी या गैंगस्टर आने का प्रयास करेगा, वह तुरंत हमारी नजरों में होगा और पुलिस उसे तुरंत पकड़ सकेगी।