Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद यहां गुरुवार को निधन हो गया। कट्टर पार्टी के उदारवादी चेहरे वाजपेयी ने 1990 में पहली बार पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में सफलता हासिल की थी। स्वास्थ्य संबंधी समस्या की वजह से लगभग एक दशक से सार्वजनिक जीवन से दूर 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को यूरिन में इन्फेक्शन के चलते 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। वाजपेयी करीब दो माह से दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। बुधवार (15 अगस्त) को उनकी तबीयत में गिरावट आई थी। गुरुवार शाम पांच बजकर पांच मिनट पर उन्होंने 93 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेता, भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग स्थित आवास पर तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। शुक्रवार (17 अगस्त) सुबह साढ़े आठ बजे तक यहां अंतिम दर्शन किया जा सकेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने पहुंचकर अंतिम दर्शन किया। मोदी ने कहा कि अटल जी की कमी की कभी भरपाई नहीं हो सकती। केंद्र सरकार ने वाजपेयी के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करने की घोषणा की है। इस दौरान भारत और विदेश में भारतीय दूतावासों में 16 अगस्त से 22 अगस्त के बीच राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वाजपेयी एक ‘सच्चे भारतीय राजनेता’ थे। उन्होंने कहा, “उनका नेतृत्व, दूरदर्शिता, परिपक्वता और वाकपटुता उन्हें सबसे अलग बनाता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को ‘एक युग का अंत’ बताया और कहा कि प्रत्येक भारतीय और प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा उनकी सोच से मार्गदर्शन मिलता रहेगा। उन्होंने कहा, “मैं निशब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है। हम सभी के श्रद्धेय अटल जी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। उनका जाना एक युग का अंत है।”
यूपीए अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है। वह लोकतांत्रिक मूल्यों को समझते थे और बतौर सांसद, कैबिनेट मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में हमेशा इसी का प्रदर्शन किया है। वह एक महान वक्ता थे।
दशकों तक वाजपेयी के साथ रहे संघ के समय के साथी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने उन्हें याद करते हुए अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने अपने मित्र के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
वाजपेयी के निधन पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान के साथ ही भारतीय राजनीति के आकाश का ध्रुवतारा नहीं रहा। वो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनके जाने के साथ ही देश ने एक अजातशत्रु राजनेता खोया है। साहित्य ने एक कवि को खोया है। पत्रकारिता ने एक स्वभावगत पत्रकार को खोया है। देश की संसद ने गरीबों की आवाज को खोया है। अमित शाह ने कहा कि वाजपेयी का निधन बीजेपी के लिए ऐसी क्षति है।
कांग्रेस के वरिष्ठ और पूर्व प्रधानमंत्री नेता मनमोहन सिंह ने एक बयान में कहा, ‘भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के दुखद निधन के बारे में पता चला। वह एक शानदार वक्ता, प्रभावी कवि, अद्वितीय लोकसेवक, उत्कृष्ट सांसद और महान प्रधानमंत्री रहे।’ उन्होंने कहा, ‘वह आधुनिक भारत के शीर्षस्थ नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन हमारे महान देश की सेवा में लगाया।’
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अटल बिहारी वाजपेयी के आवास पर अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।
अटल जी के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के कृष्णा मेनन मार्ग स्थित वाजपेयी जी के आवास पर पहुंचे।
#WATCH live from the residence of former PM #AtalBihariVajpayee in Delhi. https://t.co/pUxKBRM1zz
— ANI (@ANI) August 16, 2018
(PTI Photo/Manvender Vashist)