Atal Bihari Vajpayee: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहेेे। 16 अगस्त, 2018 की शाम उन्होंने एम्स में आखिरी सांस ली। उन्होंने पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक के कार्यकाल को संसद में देखा और परखा था। पार्टी में लोकप्रिय होने के साथ-साथ ही वाजपेयी विपक्षी दलों के बीच भी उतने ही लोकप्रिय रहे। उनकी जिंदगी खुली किताब जैसी रही है। उनके जीने का अंदाज भी सादगीपूर्ण रहा है। खानपान भी सादा रहा है। वैसे खाने में मछली पसंद करते थे। खिचड़ी उनका प्रिय व्यंजन था। लालकृष्ण आडवाणी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि शुरुआती दिनों वो अक्सर बहुत चाव से खिचड़ी पकाया करते थे। लाल कृष्ण आडवाणी अटल जी के सबसे खास दोस्त रहे। इन दोनों का साथ करीब चार दशकों का रहा है। पूर्व पीएम को नीला रंग बहुत पसंद था। उन्हें ‘देवदास’ फिल्म बहुत अच्छी लगती थी। ड्रेस के मामले में भी अटल बिहारी वाजपेयी सादगी से भरे रहे। वो अक्सर धोती-कुर्ता में ही दिखाई देते रहे। हालांकि, एक समय बीजेपी की वेबसाइट पर बताया गया था कि वाजपेयी जी को पठानी सूट बहुत पसंद था, लेकिन उन्हें कभी पठानी सूट में नहीं देखा गया। वाजपेयी जी अधिकांश मौकों पर धोती-कुर्ता में ही नजर आए। कुछ मौकों पर वो कुर्ता पायजामा भी पहनते थे। 2004 के लोकसभा चुनावों से पहले वाजपेयी के नजदीकी लोगों ने उन्हें धोती की जगह पायजामा पहनने का सुझाव दिया था।
Atal Bihari Vajpayee Death Live Updates
वाजपेयी के दो कैबिनेट सहयोगी रहे लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी धोती पहनते हैं। आडवाणी के धोती पहनने का स्टाइल मारवाड़ी होता है। यह भी आरामदायक होता है। अटल जी जब पीएम थे तब उन्हें उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य उन्हें ड्रेस को लेकर थोड़ी सलाह देती थीं। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे भी दलील दी गई थी कि उनके मित्र आडवाणी को भी उनके बेटी प्रतिभा और पत्नी कमला आडवाणी इस मामले में सलाह देती हैं। वाजपेयी जी के पास कुल सात-आठ रंगों की कोटी (बंडी) थी, जिसे वो कुर्ते पर पहना करते थे। कभी-कभी वो टी-शर्ट और पैंट में भी दिखते रहे थे।

वाजपेयी जी ड्रेस को लेकर कितने संजीदा थे इसकी बानगी 2001 में आगरा सिखर सम्मेलन के दौरान दिखा था। उस वक्त पाकिस्तानी प्रोटोकॉल अफसर ने शेरवानी पहन रखी थी। उसे देख पीएम वाजपेयी ने प्रोटोकॉल अफसर के ड्रेस की तारीफ की थी और कहा था कि उन्होंने 70 के दशक के बाद शेरवानी नहीं पहनी। कहा जाता है कि जब वाजपेयी पीएम थे तब उनके लिए कराची से तीन शेरवानी का सेट आना था जिसे पाकिस्तान के मशहूर डिजायनर अमीर अदनान ने तैयार किया था। उस पर कश्मीरी एम्ब्रोडरी का काम किया गया था। 1977 में जब विदेश मंत्री के तौर पर वाजपेयी जी संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे थे तब वो चूड़ीदार अचकन पहने नजर आए थे। 1998 में दोबारा पीएम बनने के बाद से अटल जी अक्सर कलाई पर बटनबंद लंबा कुर्ता और धोती पहने दिखाई दिए।

देश के कई प्रधानमंत्री ऐसे हुए जो ड्रेस को लेकर काफी संजीदा थे लेकिन अटल जी इस मामले में बहुत सेलेक्टिव नहीं रहे। हालांकि, समय-समय पर उनका ड्रेस बदलता रहा है। भारत में खादी का धोती और कुर्ता राजनीति की पारंपरिक पहचान रही है। वाजपेयी तक के कई प्रधानमंत्रियों ने धोती पहनी। उनके बाद के दो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी को धोती में कभी नहीं देखा गया। हालांकि, राजीव गांधी ने भी कभी धोती नहीं पहनी। पर इन नेताओं ने खादी का कुर्ता और पायजामा जरूर पहना। देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू अपने ड्रेस को लेकर काफी सजग थे। वो चूड़ीदार पायजामे के ऊपर अचकन पहना करते थे और उस पर गुलाब के फूल लगाया करते थे। उनके नाती रहे पूर्व पीएम राजीव गांधी स्टाइलिश थे। वो अक्सर कुर्ता पायजामा और लोटो का स्पोर्ट्स शू पहनते थे।

राजीव गांधी की मां और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी अपने ड्रेस को लेकर काफी सजग थीं। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंदिरा चुनावी सभाओं में जाती थीं तो साधारण सूती की साड़ी पहन लेती थीं। एक वायके में बताया गया है कि इंदिरा गांधी को उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों में चुनावी रैली करने जाना था, तब उन्होंने ग्रामीण स्टाइल में साधारण सी सूती साड़ी पहन ली थी ताकि उनके बीच उनके अपने होने का उन्हें अहसास कराया जा सके। उसी दिन जब इंदिरा वापस दिल्ली लौटीं, तब उन्होंने पहली सूती साड़ी बदलकर सिल्क की साड़ी पहनी, तभी मीटिंग में पहुंचीं। इंदिरा गांधी जब भी देश से बाहर जातीं तब स्टाइलिश लुक में सजती-संवरती थीं, उम्दा किस्म के सिल्क की साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहनती थीं।
पूर्व पीएम वी पी सिंह कुर्ता पायजामा पहनते थे लेकिन यह उनकी परिस्थितियों पर निर्भर करता था। जब वो अल्पकाल के लिए प्रधानमंत्री बने थे तब चूड़ीदार पायजामा पहनते थे। जब वो शांत और आराम की मुद्रा में होते थे तब ढीला-ढाला पायजामा पहनते थे।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अक्सर साड़ी में दिखीं। कभी-कभी वो सलवार कमीज में दिखाई पड़ी हैं। सोनिया के कपड़ों का रंग चटक नहीं होता है। उनकी बेटी प्रियंका गांधी सार्वजनिक कार्यक्रमों में हैंडलूम की रंगीन साड़ी में नजर आती हैं। बसपा प्रमुख मायावती भी अपने ड्रेस को लेकर काफी सजग हैं। वो अक्सर सलवार कमीज में दिखती हैं। उन्हें साड़ी में कभी नहीं देखा गया। 2004 में जब मायावती को बर्थडे पर पिंक सलवार कमीज और गले में डायमंड की माला पहने देखा गया था तब राजनीतिक विरोधियों ने उनकी आलोचना की थी लेकिन उनके समर्थकों ने बहुत तारीफ की थी। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अक्सर साड़ी में नजर आती हैं लेकिन पिछले चुनावों से पहले उन्हें ट्रेडिशनल राजस्थानी ड्रेस पहनने की सलाह दी गई थी। राजे ने चुनावी रैलियों में ऐसा ही किया और उसका नतीजा थी कि पांच साल बाद वो दोबारा राजस्थान की सत्ता में काबिज थीं।