शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, मुख्यमंत्रियों की कमेटी बनी थी। इस कमेटी का नेतृत्व नरेंद्र मोदी ने किया था। उस कमेटी के हेड यानी नरेंद्र मोदी ने कहा था कि MSP को स्टेच्युटरी लीगल होना चाहिए था और आज प्रधानमंत्री अपनी कही बात से मुकर गए हैं। बता दें कि आज संसद में पीएम मोदी ने कहा, ”मैं किसान आंदोलन को पवित्र समझ रहा था। लेकिन जब आंदोलनजीवियों ने पवित्र आंदोलन पर कब्जा कर लिया फिर उसके बाद जिन लोगों ने गंभीर अपराध किए हैं उनकी तस्वीर आंदोलन में दिखने लगी। क्या इससे उद्देश्य पूरा हुआ? टोल प्लाजा को काम न करने देना, टेलीकॉम टावर तोड़ना आंदोलन का हिस्सा होता है क्या ?”
आज लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। जब पीएम ने कृषि कानूनों पर बोलना शुरू किया और कहा, “यह सरकार और संसद किसानों का सम्मान करती है और हमेशा उनका सम्मान करती रहेगी”। इससे पहले पीएम द्वारा “आंदोलनजीवी” और “परजीवी” जैसी टिप्पणियों के लिए विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस बीच स्पीकर ओम बिरला ने बार-बार सदस्यों को शांत होने के लिए कहा।
पीएम मोदी ने कहा, “कृषि कानून किसी भी किसान को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। किसी भी मंडी को बंद नहीं किया गया है या न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं रोका गया है”। उन्होंने कहा, “कृषि कानूनों के बनने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए गए हैं। इसके अलावा, किसान अब जहां चाहे, अपना माल बेच सकते हैं।”
पीएम ने कहा, “आज हम देखते हैं आंदोलनजीवी किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन को बिगाड़ते हैं। हम सभी को अंतर पता होना चाहिए। नक्सली, आतंकवादी, और जेल में बंद लोग शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को हो रहे नुकसान का कारण नहीं हैं?”
पीएम मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, ” चाहे आप कितनी भी कोशिश करें, आप ऐसा करने में असफल रहेंगे, क्योंकि सच्चाई यह है कि कानून लागू होने के बाद से किसानों ने कुछ नहीं खोया है। आप एक भ्रमित और विभाजित पार्टी हैं। ऐसी भ्रमित पार्टी देश या किसी की भी मदद नहीं कर सकती … आप संसद के अंदर चिल्लाना चाहते हैं, जैसे आप बाहर करते हैं, तो कृपया आगे बढ़ें।”