लोकसभा चुनावों के बाद अब बारी है विधानसभा चुनावों की। सबसे पहले महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रक्रिया 30 सितंबर तक हो जाने चाहिए। केंद्र सरकार चाहती है कि जम्मू-कश्मीर के साथ ही महाराष्ट्र और हरियाणा में भी चुनाव करा लिए जाएं, जहां पहले अक्टूबर में चुनाव होने थे। ऐसे में अब तीनों राज्यों में एक साथ चुनाव कराने के लिए प्रशासनिक तैयारी तेज करने के साथ ही राजनीतिक तैयारी भी तेज हो गई है। बीजेपी ने तीनों राज्यों में अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करने के लिए चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन के लिए तेज की प्रक्रिया
पार्टी ने सभी राज्यों की कार्यकारिणी के साथ चुनाव प्रभारियों और संगठन मंत्रियों की बैठकें कर ली हैं। बीजेपी किसी भी हालत में इस महीने प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया पूरी कर नामों का ऐलान कर देगी ताकि सभी प्रत्याशी अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से मिल सकें। पार्टी पहले उन क्षेत्रों के प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करेगी, जहां पिछले चुनाव में उसे हार मिली थी। इसके बाद ऐसे क्षेत्रों में नामों का ऐलान होगा, जहां हार-जीत का अंतर बहुत कम था। इसके साथ ही बीजेपी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वाली आरक्षित सीटों पर भी प्रत्याशियों का चयन जल्द करेगी।
तीनों राज्यों में चुनाव तिथियों का ऐलान चुनाव आयोग कब करेगा, इसका अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त और उनकी टीम के अन्य सदस्य जम्मू-कश्मीर में मीटिंग करके अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इससे इस बात की पूरी संभावना है कि जल्द ही चुनाव आयोग तिथियों का ऐलान करेगा।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिल सकी थीं। इसकी वजह से पार्टी लगातार समीक्षा बैठकें कर रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रणनीतिकार यह पता करने में लगे हैं कि विधानसभा चुनावों में कमजोर सीटों पर कैसे जीत हासिल की जाए। इस मुद्दे पर कई बैठकें भी हो चुकी हैं और संगठन के स्तर पर स्थानीय नेताओं से भी लगातार इनपुट लिया जा रहा है।
इसके साथ ही विपक्षी दलों और नेताओं की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। खास तौर पर इंडी गठबंधन के दलों के नेताओं के बयानों और उनके प्रभावों पर बीजेपी काफी सतर्कतापूर्वक नजर बनाई हुई है।