Assam News: असम के उग्रवादी संगठन डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) ने गुरुवार को केंद्र और असम सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते के बाद हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम के उग्रवादी संगठन डिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoS) पर हस्ताक्षर किए गए। असम सरकार के शांति समझौते की दिशा में किए गए प्रयासों को लेकर सरकार के लिए यह एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है।

समझौता ज्ञापन के बाद केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से इस उग्रवादी इलाके के चहुंमुखी विकास के लिए एक हजार करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई। इस मौके पर अमित शाह के अलावा मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और DNLA समूह की ओर से सुदरी सोरोंगफंगसा और ईटका डिफुसा मौजूद रहे।

असम शाह ने व्यक्त की प्रतिक्रिया-

अमित शाह ने कहा कि ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर के बाद असम के जंगलों में अब कोई आदिवासी उग्रवादी संगठन हथियार लेकर नहीं घूमेगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के देखरेख में गृह मंत्रालय असम राज्य में स्थायी शांति और विकास के लिए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता वाली असम सरकार के साथ लगातार काम कर रही है। शाह ने कहा कि दिमासा पीपल्स सुप्रीम काउंसिल और दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी ने हिंसा खत्म करने और दिमासा के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए असम सरकार के साथ आज यानी 27 अप्रैल को यह समझौता किया है। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए आनंद और संतुष्टि का एक विषय है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने उग्रवादी संगठन से हिंसा छोड़ने, अपने संगठन और शिविरों को भंग करने, हथियार डालने और राष्ट्र मिर्माण के कार्य में शामिल होने की अपील की। अमित शाह ने इस दौरान बड़े पैकेज की घोषणा की। डीएनएलए के आत्मसमर्पित उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए केंद्र और असम सरकार की तरफ से 500-500 करोड़ दिए जाएंगे।

मुझे नहीं लगता, अब कोई नया उग्रवाद शुरू होगा: हिमंत बिस्वा सरमा

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सरमा ने कहा, ‘दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी और असम सरकार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। उल्फा को छोड़कर राज्य में सभी समस्याओं का समाधान कर लिया गया है।’ सरमा ने आगे कहा, “DNLA के कैडर न केवल दीमा हसाओ जिले में बल्कि पूरे राज्य में शांति, विकास और स्थिरता के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।’ सरमा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई नया उग्रवाद शुरू होगा क्योंकि हर कोई शांति प्रक्रिया में अपने दिल से शामिल हुआ है।

DNLA 2019 में गठित एक अपेक्षाकृत नया विद्रोही समूह है, जो असम के दीमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग जिलों में काम कर रहा था। इसके गठन के समय, समूह ने दावा किया था कि यह “राष्ट्रीय संघर्ष को पुनर्जीवित करने और एक संप्रभु, स्वतंत्र दिमासा राष्ट्र की मुक्ति के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।