Assam, Meghalaya, UP & Bihar Floods: भारी बारिश के बाद देश के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर देखने को मिला है। असम, मेघालय, बिहार और उत्तर प्रदेश में इसकी वजह से लगभग 35 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि पड़ोसी मुल्क नेपाल में भी बाढ़ ने तबाही मचाई है। इसी बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कुछ जगहों पर बारिश की आशंका जताई है। उत्तर पूर्वी राज्य असम में बाढ़ से रविवार (14 जुलाई, 2019) को हालात और भी खराब हो गए। धेमाजी और बरपेटा जिले में से लगभग 419 गांव पानी में डूब गए, जबकि समूचे सूबे में मृतकों बढ़कर 11 हो गई। प्राकृतिक आपदा से करीब 28 जिलों के लगभग 26.5 लाख लोग प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक जोरहाट, बारपेटा और धुबरी जिलों में चार जानें गई हैं।

प्राधिकरण की मानें तो 28 जिलों में बारपेटा सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित है, जहां 7.35 लाख लोगों पर इसका असर पड़ा है। वहीं, मोरीगांव में साढ़े तीन लाख लोग प्रभावित हुए, जबकि धुबरी में प्रभावितों संख्या 3.38 लाख के आस-पास है। जानकारी के अनुसार, शनिवार (13 जुलाई, 2019) तक बाढ़ से कुल 33 जिलों में से 25 जिलों के 14.06 लाख लोग प्रभावित थे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व और आपदा प्रबंधन) कुमार संजय कृष्ण ने इस बाबत रविवार को मीडिया से कहा- मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक असम में और बारिश हो सकती है। ब्रह्मपुत्र का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। राज्य सरकार स्थिति से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। पिछले साल हमें केंद्र से 590 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे और हमारे पास पर्याप्त कोष है। जिलों के लिए 55.85 करोड़ रुपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

अधिकारी ने आगे बताया, “काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है। बता दें कि यह एक सींग वाले गैंडा का वास स्थान है और विश्व धरोहर स्थल है, जबकि ब्रह्मपुत्र नदी गुवाहाटी, निमातीघाट, सोनिपुर, गोअल्परा व धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

मेघालय में भी 1.14 लाख लोग प्रभावितः सात दिनों से लगातार बारिश से सूबे की दो नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे वेस्ट गारो हिल्स जिले के मैदानी इलाकों में आई बाढ़ से न्यूनतम एक लाख 14 हजार लोगों पर असर पड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि देमदेमा प्रखंड में 50 गांवों के करीब 57,700 लोग और सेलसेला प्रखंड में 104 गांवों के करीब 66,400 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

अधिकारी के अनुसार, असम से होकर आने वाली ब्रह्मपुत्र और जिनिराम दोनों नदियों के जलस्तर बढ़ जाने से जिले के निचले इलाके जलमग्न हो गये हैं। इसी बीच, राज्य की राजधानी शिलॉन्ग के निचले इलाकों में भी बाढ़ का पानी भर गया। ईस्ट खासी हिल्स जिले के उपायुक्त एम डब्ल्यू नोंगबरी ने कहा, “शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।”

बिहार में हालात नाजुक, चार मरे; 18 लाख जिंदगियों पर असरः बाढ़ के कहर से बिहार में भी रविवार को हालात बेहद नाजुक हो गए। राज्य के नौ जिलों में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 18 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट की मानें तो नेपाल की सीमा से लगे क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से प्रदेश की पांच नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

सीएम नीतीश कुमार ने कुछ जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। रिपोर्ट में बताया गया कि कुल चार मौतों में अररिया में दो लोग, जबकि शिवहर और किशनगंज में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। राज्य के नौ जिलों-शिवहर, सीतामढी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा व मुजफ्फरपुर के 55 प्रखंडों में बाढ़ से कुल 17,96,535 आबादी प्रभावित हुई है। (पीटीआई-भाषा इन्पुट्स के साथ)