एबीपी न्यूज के कार्यक्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर कहने लगे कि लोकसभा चुनाव 2019 के समय पर उनकी पार्टी बीजेपी से अलग हो चुकी थी लेकिन चुनाव प्रचार में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल उस मंच से किया जाता था जहां प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी भाषण दे रहे होते थे। राजभर ने कहा, ‘मेरा चेहरा दिखा दिखाकर बीजेपी ने वोट मांगने का काम किया है। ओम प्रकाश राजभर का जलवा ही है कि बीजेपी को मेरा चेहरा दिखाकर वोट लेना पड़ा।’

राजभर कहने लगे कि बीजेपी के अलावा चुनाव में किसी के भी साथ चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि लखनऊ में सपा और बसपा का काम तो दिखता है लेकिन बीजेपी का काम नहीं दिखता है।उन्होंने कहा, ‘सीएम योगी खुद बताएं कि किन गांवों में शौचालय बनाने का काम हुआ है।’ राजभर कहने लगे कि बीजेपी में पिछड़े समाज की स्थिति यह है कि डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य लोडर हैं।

राजभर ने कहा कि बीजेपी में जातिवाद की स्थिति यह है कि अगड़ी जातियों के नेता सोफे पर बैठते हैं और प्रदेश अध्यक्ष, स्वतंत्र देव सिंह, जो कि पिछड़ी जाति से हैं उनको प्लास्टिक की कुर्सी पर बिठाया जाता है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी में उन्हें गठबंधन के सहयोगी वाला सम्मान नहीं मिलता था बल्कि मंच से नीचे बैठाया जाता था।

ओमप्रकाश राजभर ने राज्य में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन की अटकलों के बीच दावा किया कि ”भाजपा भले ही उनकी सभी शर्त मान ले, लेकिन यदि पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा तो वह उससे गठबंधन नहीं करेंगे।”

राज्य की भाजपा सरकार में 2017 से 2019 तक पिछड़ा वर्ग व दिव्यांग जन कल्‍याण मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर का कहना है कि ”अव्‍वल तो भारतीय जनता पार्टी से उनका (सुभासपा) गठबंधन नहीं होने वाला है, लेकिन अगर कहीं कोई संभावना बनी तो भाजपा को हमारी शर्तें माननी पड़ेगी। इन शर्तों में देश में जातिवार गणना, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करना, पिछड़ी जाति का मुख्यमंत्री घोषित करना, एक समान और अनिवार्य नि:शुल्क शिक्षा आदि शामिल है।”