Ajmer Dargarh Controversy: देश के प्रधानमंत्री सालाना उर्स के मौके पर हर बार अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भेजते हैं और उसी परंपरा के तहत एक बार फिर उन्होंने चादर भेजी तो देश की सियासत एक बार फिर गर्म हो गई। एक तरफ जहां कोर्ट में याचिका लगातार हिंदू सेना के लोगों ने मांग की है कि पीएम मोदी द्वारा भेजी गई चादर न चढ़ाई जाए तो दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेजे जाने पर ओवैसी ने कहा कि BJP, संघ परिवार और पूरे देश में उनके संगठन कोर्ट जा रहे हैं कि यहां-वहां खुदाई होनी चाहिए। वे कह रहे हैं कि यह मस्जिद नहीं है, वह दरगाह नहीं है।
ओवैसी बोले- PM मोदी चाहें तो सब बंद हो जाए
हैदराबाद से लोकसभा सांसद और AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर पीएम मोदी चाहें तो यह सब बंद हो जाएगा। पिछले 10 साल से BJP की सरकार है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। 7 से ज्यादा मस्जिदें और दरगाहें उत्तर प्रदेश से हैं, जहां भाजपा सत्ता में है और जहां से प्रधानमंत्री सांसद हैं। चादर भेजने से कुछ नहीं होने वाला है।
केजरीवाल पर भी बरसे ओवैसी
एक तरफ जहां ओवैसी ने दरगाह का मुद्दा उठाया, तो दूसरी ओर दिल्ली चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी पर भी हमला बोल दिया। AIMIM नेता ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में मुस्लिम बहुल इलाकों में कूड़ा फेंका जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऐसी जगहों पर कोई विकास नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ आप ने यह नाटक किया कि उसने स्कूल और अस्पताल बनवाए हैं, लेकिन विकास के दावे झूठे हैं। न्यूज एजेंसी ANI ने ओवैसी के बयान को लेकर कहा कि दिल्ली के जिन विधानसभा क्षेत्रों में मुसलमान रहते हैं, दिल्ली का कचरा उन्हीं इलाकों में फेंका जाता है। मुस्लिम बहुल इलाकों में कोई क्लीनिक और स्कूल नहीं बनाए गए हैं। उन इलाकों में कोई विकास नहीं हुआ है। ओवैसी ने आगे दावा किया कि भाजपा और आप के बीच कोई वैचारिक मतभेद नहीं है। उन्होंने दावा किया कि RSS दोनों पार्टियों की जननी है।
संभल में पुलिस चौकी बनने पर भड़के ओवैसी
ओवैसी के बयान पर आया दरगाह के प्रमुख का जवाब
दूसरी ओर ओवैसी के बयान पर अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका बयान एक राजनीतिक नेता के दृष्टिकोण से है और केवल वे ही इसके पीछे की मंशा और संदर्भ को स्पष्ट कर सकते हैं। इसलिए, मैं उनके बयान पर सीधे टिप्पणी नहीं करूंगा।
दरगाह के प्रमुख ने कहा कि अगर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, जैसा कि आपने उल्लेख किया है कि दरगाह पर चादर भेजने से कुछ हासिल नहीं होता है, तो यह उचित नहीं है। ख्वाजा गरीब नवाज की पवित्रता में लाखों लोगों की आस्था है। संतों की दरगाह पर चादरें मनोकामना पूरी करने के लिए भेजी जाती हैं और श्रद्धा और सम्मान के प्रतीक के रूप में भेजी जाती हैं। असदुद्दीन ओवैसी से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।