राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के बयान विपक्ष जमकर निशाना साध रहा है। कांग्रेस के बाद अब अरविंद केजरीवाल भी मामले में जोर शोर से उठा रहे हैं। केजरीवाल ने आंबेडकर विवाद को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखा है। केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि गृह मंत्री अमित शाह का बयान न केवल अपमानजनक है बल्कि भाजपा की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है। देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
एनडीए से वापस लें समर्थन- केजरीवाल
केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू एनडीए सरकार के अहम सहयोगी हैं। उन्हें केजरीवाल से अपना समर्थन वापस लेने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि ‘गृहमंत्री का बयान न केवल अपमानजनक है बल्कि भाजपा की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है। देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया।’
केजरीवाल ने पत्र में क्या लिखा?
अरविंद केजरीवाल ने लिखा, मैं आपको यह पत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर लिख रहा हूं, जो न केवल हमारे संविधान बल्कि बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है। हाल ही में संसद में, देश के गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा बाबासाहेब के नाम पर की गई टिप्पणी ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। उनका यह कहना कि “आम्बेडकर-आम्बेडकर बोलना आजकल फैशन बन गया है’,न केवल अपमानजनक है बल्कि बीजेपी की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है।’
केजरीवाल ने आगे लिखा, ‘बाबासाहेब के बारे में ऐसा कहने का साहस आखिर भाजपा ने कैसे किया? इस से देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया। प्रधान मंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से अमित शाह जी के बयान का समर्थन किया। इसने जले पर नमक छिड़कने का काम किया। लोगों को लगने लगा है कि बाबा साहेब को चाहने वाले अब भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते। बाबा साहेब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं। भाजपा के इस बयान के बाद लोग चाहते हैं कि इस मसले पर आप भी गहराई से विचार करें।’